मुख्यधारा/देहरादून
उत्तराखंड में पंचम विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए करीब 16 घंटे का समय शेष रह गया है। प्रदेश के दोनों मुख्य दलों द्वारा बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है, किंतु अंदरखाने से आ रही खबरों के मुताबिक दोनों दल बहुमत आने को लेकर पूर्ण रूप से आश्वस्त नहीं हैं। यही कारण है कि निर्दलीय सहित अन्य दलों के (BJP Leader) जिताऊ प्रत्याशियों के साथ जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है, ताकि सरकार बनाने की मंशा हर हाल में पूर्ण हो सके।
इसी कड़ी में सर्वप्रथम भाजपा खेमे से (BJP Leader) बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां जिताऊ दो निर्दलीय विधायकों के भारतीय जनता पार्टी से संपर्क किए जाने की चर्चाएं चल रही है। सूत्रों के अनुसार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े संजय डोभाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात हुई है। डोभाल ने भी भाजपा नेताओं के संपर्क में होने की बात कही है। इसके अलावा अन्य छोटे दल का प्रत्याशी भी भाजपा नेताओं (BJP Leader) के संपर्क में बताया जा रहा है।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि उपरोक्त सियासी हलचल से स्पष्ट होता है कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (BJP Leader) भी पूर्ण बहुमत आने को लेकर फिलहाल आश्वत नजर नहीं आ रही है, यही कारण है कि पार्टी ने अपने राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय व पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल को देहरादून में सक्रिय कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर देहरादून स्थित कांग्रेस भवन में महत्वपूर्ण बैठक चल रही है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कांग्रेस पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश व एमबी पाटिल सहित दून जिले के सभी प्रत्याशियों व महानगर अध्यक्षगण मौजूद रहे।
भितरघात की आशंका से जूझ रहे दोनों दल
सूत्रों के अनुसार दोनों ही दल फिलवक्त भितरघात की आशंका से जूझ रहे हैं। ऐसे में अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। दोनों ही दल निर्दलीय व अन्य दलों के जिताऊ प्रत्याशियों से संपर्क साध सकते हैं, जिससे 36 के जादुई आंकड़े पर पहुंचकर सरकार बनाई जा सके।
उधर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। हालांकि वे अन्य दलों व निर्दलीयों को साथ लेने की संभावना से भी इंकार नहीं कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि सरकार चलाने के लिए सभी का सहयोग लिया जा सकता है।
कुल मिलाकर मतगणना में अभी करीब 16 घंटे का समय शेष है। प्रत्याशियों की जहां धड़कनें तेज हो गई हैं, वहीं वरिष्ठ नेताओं के सरकार बनाने की रिहर्सल में पसीने छूट रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस बार उत्तराखंड की जनता ने किस पार्टी की सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया है!