मुख्यधारा/देहरादून
उत्तराखंड में पंचम विधानसभा चुनाव में जनता ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में स्पष्ट जनादेश दिया है। जिसके बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि आखिर उत्तराखंड की कमान (new cm uttarakhand) किस नेता को सौंपी जाती है। इसके लिए लॉबिंग भी शुरू हो चुकी है, जिससे प्रदेश में फिलवक्त सियासी पारा चढ़ गया है।
विधानसभा चुनाव 2022 मेें भाजपा 70 में से 47 सीटें जीतने में कामयाब रही है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को मात्र 19 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।
इसके अलावा दो सीटों पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार विधानसभा पहुंचे हैं तो दो निर्दलीयों ने भी भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों को पछाड़कर शानदार जीत दर्ज की है। प्रदेश में बड़ा मिथक तोड़कर भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने को लेकर उत्साहित नजर आ रही है। हालांकि पुष्कर धामी के अपनी सीट नहीं बचा पाने के बाद पार्टी के समीकरण बिगड़ गए हैं। यही कारण है कि नए सीएम (new cm uttarakhand) को लेकर नई संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। जिनमें चर्चाएं हैं कि जिन पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर चुनाव लड़कर पार्टी 47 सीटें जीतने में सफल रही, पार्टी उन्हीं युवा चेहरे को पुन: प्रदेश की कमान सौंप सकती है। हालांकि फिलहाल इस पर चर्चा नहीं हो पाई है और प्रदेश में अलग-अलग नेताओं के समर्थक अपने लीडर को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर उनका नाम आगे कर रहे हैं। इन नामों में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक व अजय भट्ट के साथ ही सतपाल महाराज का नाम तेजी से उछला है। इसके अलावा धन सिंह रावत का नाम भी सीएम की दौड़ में बताया जा रहा है। हालांकि इन नामों के अलावा पार्टी हाईकमान द्वारा किसी नए चेहरे का नाम फाइनल किया जाता है तो इसमें भी आश्चर्य नहीं होगा।
पार्टी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल व धर्मेंद्र प्रधान को उत्तराखंड में केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। दोनों लीडर विधायक दल की बैठक में नव निर्वाचित विधायकों से राय मशवरा कर प्रदेश में सीएम के चेहरे को तलाशकर इसका फीडबैक पार्टी हाईकमान को भेजेंगे। हालांकि अभी विधायक दल की बैठक को लेकर तारीख निर्धारित नहीं हो पाई है।
इधर होली का त्यौहार के चलते होलाष्टक लगा हुआ है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते। ऐसे में होली तक नई सरकार के गठन को लेकर इंतजार करना पड़ सकता है।
बहरहाल, प्रदेशवासियों ने अपना जनादेश दे दिया है। अब पार्टी हाईकमान पर निर्भर करता है कि वह अपने किस नेता को उत्तराखंड जैसे पर्वतीय प्रदेश के मुख्यमंत्री (new cm uttarakhand) पद के लिए सबसे उपयुक्त पाता है। अब देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी इस बार किस नेता पर सीएम पद के लिए दांव खेलती है!