मुख्यधारा/देहरादून
डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal) एवं स्वास्थ्य सचिव प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हस्तक्षेप करते हुए मुख्य सचिव को बड़े निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने डा. उनियाल के ट्रांसफर को स्थगित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।
बताते चलें कि गत दिवस डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal) का प्रकरण सोशल मीडिया में वायरल हो गया था। मामले की गंभीरता को भांपते हुए स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने सीएम धामी से मिलकर उक्त मामले की जानकारी दी थी। इसी कड़ी में सीएम ने आज इस मामले में हस्तक्षेप कर मामले की जांच के निर्देश दिए।
जानिए क्या था मामला
गत दिवस दून अस्पताल में तैनात वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal) गत दिवस दून हॉस्पिटल में मरीजों को देख रही थी। इसी दौरान अस्पताल ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डा. पंकज पांडेय की पत्नी की स्वास्थ्य जांच के लिए उनके घर जाने का फरमान सुना दिया। चूंकि मरीजों की लंबी कतार अपनी बारी का इंतजार में खड़ी इंतजार कर रही थी, इस पर डा. निधि उनियाल ने जाने में असमर्थता जाहिर की, किंतु उन्हें कहा गया कि जाना तो पड़ेगा। इस पर डॉक्टर अपने दो स्टाफ सहयोगियों के साथ स्वास्थ्य सचिव के घर उनकी पत्नी की जांच के लिए चली गई और उनकी जांच की।
इस बीच बीपी नापने का जो जो उपकरण था, वह गाड़ी में ही छूट गया। इस पर उनका एक सहयोगी वह लाने के लिए बाहर गया। बस इसी बार पर सचिव की पत्नी डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal) पर बिफर पड़ी। इस पर नाराज होकर डॉक्टर वापस हॉस्पिटल लौट आई। अस्पताल को इस मामले का संज्ञान होने पर डा. से उनकी पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा गया, किंतु उन्होंने इंकार कर दिया।
आश्चर्यजनक रूप से दोपहर बाद डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal) के हाथ में ट्रांसफर आदेश मिल गया। उनका दून हॉस्पिटल से सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में स्थानांतरण कर दिया गया। इस बात से खिन्न होकर डा. निधि ने इस्तीफा दे दिया था।
अपने इस्तीफे में डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal) द्वारा लिखा गया है कि वह एक क्वालीफाइड चिकित्सक हैं और कई प्रतिष्ठित मेडिकल कालेजों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है, लेकिन फिर भी वह गई। उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध दर्ज करने पर उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
वहीं इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडेय का कहना है कि डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal) के आरोप निराधार हैं। राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में एसोसिएट प्रोफेसर की जरूरत थी। विभागीय प्रक्रिया के तहत ही उनका स्थानांतरण किया गया है।
उपरोक्त मामला जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो प्रदेश की नौकरशाही व सरकार पर सवाल खड़े किए जाने लगे। यह बात स्वास्थ्य मंत्री भांप गए और उन्होंने समय पर मुख्यमंत्री धामी को पूरे मामले की जानकारी दी।
बहरहाल, अब देखना होगा कि सीएम के हस्तक्षेप के बाद डा. निधि उनियाल (dr nidhi uniyal)को न्याय मिल पाता है या नहीं।
यह भी पढें: ज्वलंत सवाल: अफसर की पत्नी जो कहे, वो सही! #dr nidhi uniyal