उत्तरकाशी/मुख्यधारा
आखिरकार एसडीआरएफ (sdrf), एनडीआरएफ, पुलिस व क्यूआरटी के जांबाज जवानों के साहसभरे कदम से टिहरी झील के दलदल में फंसे चिन्यालीसौड़ के ग्रामीण की जान बचा ली गई है। यही नहीं रेस्क्यू के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से हैलीकॉप्टर की व्यवस्था भी कर दी गई थी, किंतु इसकी जरूरत नहीं पड़ी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जनपद के यमुनोत्री विधानसभा के अंतर्गत चिन्यालीसौड़ क्षेत्र में टिहरी झील के दलदल में बड़ी मणि गाँव के युधवीर चंद रमोला फंस गए थे। लाख कोशिशों के बावजूद वे दलदल से बाहर नहीं निकल पा रहे थे और वे दलदल में गले तक डूबे हुए थे। ऐसे में वे कई घंटों तक जिंदगी और मौत के बीच झूलते रहे।
सूचना पर तत्काल एसडीआरएफ (sdrf), एनडीआरएफ व पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची, किंतु वहां दलदल ऐसा था कि किसी के लिए भी उक्त ग्रामीण तक पहुंचना आसान नहीं था। इस पर विकल्प के तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया गया। जिस पर वहां से अनुमति मिलते ही हैलीकॉप्टर को अलर्ट मोड पर कर दिया गया।
उधर मौसम भी अनुकूल नहीं था तो एसडीआरएफ (sdrf) के जांबाजों ने स्वयं ही मोर्चा संभाल लिया। रस्सियों व फट्टों के सहारे एसडीआरएफ के जवान दलदल में फंसे व्यक्ति तक पहुंचे। फट्टों से दलदल को ढका और गले तक डूबे हुए व्यक्ति के चारों ओर खुदाई करके उसका काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर लिया गया।
एसडीआरएफ (sdrf) के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय की सक्रियता के चलते ही समय पर उक्त ग्रामीण की जान बचाई जा सकी। इसके लिए प्रदेशभर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खूब सराहना हो रही है।
बताते चलें कि टिहरी झील बनने के बाद से अब तक दलदल में डूबने से एक दर्जन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।