नीरज उत्तराखंडी
बड़कोट। कोरोना वायरस (कोविड 19 ) के तहत चल रहे लाॅकडाउन में मजदूरों, गरीबों एवं असहाय लोगों के अलावा बेजुबान जानवरों के लिए सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज ‘‘जय हो” ग्रुप के स्वयंसेवी देवदूत बनकर सामने आये हैं। जरूरतमन्दों को उनके घरों तक राशन, बेजुबान जानवर जैसे मवेशियों के लिए चारा और कुत्तों के लिए रोटी खिलाने के अलावा यमुनाघाटी के गांव – गांव तक जीवन रक्षक दवाईयों को पहुँचाने के काम में जुटे हैं।
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के बड़कोट में पत्रकार सुनील थपलियाल ने कुछ युवाओं के साथ मिलकर विगत दो साल पहले सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज ‘‘जय हो” ग्रुप का गठन किया था, जो क्षेत्र में सामाजिक गतिविधियों को संचालित करने का सिलसिला जारी किये हुए है।
दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड 19) जैसी संक्रमण बीमारी के चलते देशभर में हुए लाॅकडाउन से सभी अपने घरों में कैद हो गये। आम जनमानस तक जरूरत का सामान पहुंचना टेढ़ी खीर हो गया था, जिसके बाद प्रशासन की मदद से सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज ने लाॅकडाउन से प्रभावित जरूरतमन्दों को अन्नदन मांग कर राशन पहुंचाने का सिलसिला शुरू किया। उसके बाद बेजुबान जानवरों को भूखा देख चारा दान मांगा गया, जो बेजुबान मवेशियों तक पहुचाया जाने लगा।
देखते ही देखते बाजार में कुत्तों को भूखा बिलखते देख ग्रुप के स्वयंसेवियों ने रोटी दान मांगना शुरू किया जो हर रोज 30 से 40 कुत्तों को रोटी खिलाने का काम भी किया जा रहा है।
इतना ही नहीं नगर पालिका परिषद बड़कोट सहित यमुनाघाटी के गांव – गांव तक जीवन रक्षक दवाईयों को पहुंचाने में ग्रुप के स्वयंसेवी जुटे हुए हैं।
‘जय हो ग्रुप’ कोविड 19 के बचाव में फ्रंट लाइन वारियर्स को हर तीसरे दिन जलपान करवा कर हौसला अफजाई करने का भी काम कर रहे हैं।
ग्रुप के संयोजक पत्रकार सुनील थपलियाल ने बताया कि पत्रकार समाज का सच्चा प्रहरी और सबसे बड़ा समाजसेवी होता है। लाॅकडाउन के दौरान खबरें बनाते हुए पाया कि रोज मजदूरी कर कमाने वाले मजदूर, गरीब और असहाय लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कई परिवार दो से तीन दिनों तक भूखे मिले। शुरूआती दौर में प्रशासन ,पुलिस के पास भी कुछ ऐसा नही था कि तत्काल इन परिवारों को राशन उपलब्ध कराने का इन्तजाम किया जाता तो सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज ‘‘जय हो” ग्रुप के स्वयंसेवियों ने आम जनमानस से अन्न दान की अपील करते हुए प्रशासन की मदद से जरूरतमन्द तक राशन पुहंचाने का अभियान शुरू कर दिया। ग्रुप की इस पहल पर आम लोग दिल खोलकर अन्नदान कर रहे हैं और अभी तक डेढ़ लाख के लगभग का लोगों ने अन्न दान कर दिया है।
जय हो ग्रुप के कर्तव्यनिष्ठ स्वयंसेवी प्रभावित मजदूरों, गरीबों एवं असहाय लोगों को राशन पहुँचाने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि बड़कोट में 30 से 40 बेजुबान आवारा मवेशी कई दिनों से भूखे थे, उनके लिए चारा दान और 40 के लगभग आवारा कुत्तों के लिए रोटी दान मांगकर उनको खिलाने का कार्य भी किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस का इस सेवा कार्य में बड़ा सहयोग मिल रहा है।
जय हो ग्रुप ने नगर पालिका बड़कोट, नौगांव सहित यमुनाघाटी के गांव – गांव तक जीवन रक्षक दवाईयों को पहुचाने का भी बीड़ा उठाया हुआ है और तो और आवश्यक सामग्री सब्जी, राशन को भी गांव – गांव तक दो वाहनों को प्रशासन की अनुमति से पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है।
जय हो ग्रुप के स्वयंसेवियों ने सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र बड़कोट में पहुंचकर डॉ. रोहित भंडारी व उनकी चिकित्सकों की टीम से प्रशिक्षण लेते हुए कोविड 19 से बचाव एवं जनजागरूकता का अभियान भी छेड़ा हुआ है। सभी को लाॅकडाउन में अपने घरों में रहने के साथ बार – बार हाथों को साबुन से धोने या सैनेटाईज किये जाने का तरीका भी बता रहे हैं।
इस लाॅकडाउन में जुटे कर्तव्यनिष्ठ स्वयंसेवियों में संरक्षक सेवानिवृत्त शिक्षक रणवीर सिंह रावत, संयोजक सुनील थपलियाल, कोषाध्यक्ष मोहित अग्रवाल, सुशील पीटर, विनोद नौटियाल, भगवती रतूड़ी, आशीष पंवार, मदन पैन्यूली, उत्तम रावत, प्रदीप उर्फ मस्तराम, अजय रावत,जय सिंह पंवार, मनवीर रावत पुरोला, नितिन चौहान, जयप्रकाश बहुगुणा, आशीष काला, प्रवेश रावत, शान्ति रतूड़ी, अमर शाह, रविन्द्र सिंह रावत, मनमोहन सिंह चौहान, समुन रावत, अंकित असवाल, नवीन जगूड़ी, राम प्रसाद बिजल्वाण, प्रदीप बिष्ट, रोशन राणा, मुकेश राणा, आनन्द रावत, दिनेश रावत, द्वारिका सेमवाल, संजय सिंह पंवार, त्रिलोक राणा, विनोद सिंह असवाल, गिरीश चैहान, महिताब धनाई आदि स्वयंसेवी कोरोना महामारी लाॅकडाउन में सेवा करने में जुटे हैं।