देहरादून। लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे पर्यटक, प्रवासी श्रमिक व छात्रों को उत्तराखंड लाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए भारत सरकार ने गाइडलाइन जारी करके बाहर फंसे उत्तराखंडवासियों को बड़ी राहत देते हुए वापस अपने राज्य में लाने की छूट दे दी है।
भारत सरकार की इस गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि वह संबंधित राज्य सरकारों से संपर्क कर दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंडवासियों के लौटने का प्रबंध करें।
मुख्यमंंत्री ने कहा है कि मेरा सभी से अनुरोध है कि कुछ धैर्य व संयम रखें। वापसी के लिए सभी मानकों के अनुसार उचित प्रबंध किए जाएंगे।
आईएएस शैलेष बगौली को अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अभियान के तहत उत्तर प्रदेश व दिल्ली वालों को सबसे पहले लाया जाएगा। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे उत्तराखंडी लोगों को उत्तराखंड लाया जाएगा। हालांकि सबसे पहले राहत शिविरों में फंसे लोगों को उत्तराखंड लाने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद अन्य सभी लोगों को वापस लाया जाएगा।
इसके लिए बकायदा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए जो भी बाहरी राज्यों से उत्तराखंड लौटना चाहते हैं, उन सभी को स्मार्ट सिटी का फॉर्म भरना जरूरी है। इसका लिंक http://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php पर सभी औपचारिक जानकारी दी गई हैं। जब इसमें पूर्ण जानकारी भर दी जाएंगी, उसके बाद उनके शहरों से उन्हें उत्तराखंड लाया जाएगा। जैसे-जैसे लोग रजिस्ट्रेशन करते रहेंगे, वैसे-वैसे लोगों को वापस लाया जाएगा। इससे पहले उनका टेस्ट कराया जाएगा। यदि उनकी कोरोना जाांच निगेेटिव आई तो इसी स्थिति में उन्हें उत्तराखंड लाया जाएगा। उत्तराखंड लाने के बाद उन्हें 14 दिनों तक कोरेंटीन किया जाएगा।
इस राहतभरी खबर से विभिन्न राज्यों में फंसे हुए लोगों सहित उत्तराखंड में उनके परिजनों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। वे इंतजार कर रहे हैं कि उनके अपने उनके पास कब पहुंचेंगे।