पौड़ी/मुख्यधारा
आखिरकार आतंक का पर्याय बने गुलदार (Guldar) का पौड़ी जनपद में अंत हो ही गया। मानवता का दुश्मन बने खूंखार गुलदार ने बीती 28 जुलाई को पौड़ी जनपद में शाम के समय एक पांच वर्षीय अबोध बालक को उसकी मां के आंखों के सामने ही गुलदार जंगल में खींच ले गया था। इस घटना में परिजनों ने अपना बालक खो गया। जिसके बाद से असहनीय दु:ख झेल रहे हैं।
इस घटना के बाद क्षेत्रवासियों में पनपे आक्रोश को देखते हुए वन विभाग भी सक्रिय हो गया। ग्रामीणों द्वारा गुलदार (Guldar) को मारने के लिए लगातार मांग की जा रही थी। क्षेत्रीय विधायक व काबीना मंत्री धन सिंह रावत ने वन विभाग को गुलदार को जल्द से जल्द पिंजरे में पकड़े या फिर मारने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी गुलदार को पकडऩे के प्रयास कर रहे थे। हालांकि गुलदार उनकी पकड़ में नहीं आया।
वन विभाग के कर्मचारियों ने जब काफी प्रयासों के बाद भी गुलदार (Guldar) को पकडऩे में सफलता नहीं पाई तो उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिकारी जॉय हुकिल से संपर्क किया गया। बीते करीब 15 दिनों से हुकिल की टीम गुलदार को तलाश रही थी। इस पर एक सितंबर की रात्रि ग्राम बड़ेथ के जंगल में नरभक्षी गुलदार शिकारी जॉय हुकिल की गोली से ढेर हो गया। इसके साथ ही गुलदार के आतंक से जूझ रहे क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है।
जॉय हुकिल बताते हैं कि उक्त गुलदार करीब आठ वर्ष का रहा होगा।
बताते चलें कि जॉय हुकिल अब तक विभिन्न स्थानों पर 44 गुलदारों को ढेर कर चुके हैं। यही नहीं आठ गुलदारों को उन्होंने पिंजरे में पकडऩे में भी सफलता हासिल की है।
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