धरपकड़ शुरू : एनआईए (NIA) ने कई राज्यों में आतंकी कनेक्शन और गैंगस्टर के 50 ठिकानों पर की छापेमारी
मुख्यधारा डेस्क
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) (NIA) ने देश कई राज्यों में आतंकी कनेक्शन को लेकर कई गैंगस्टर्स के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। जांच एजेंसी की ये कार्रवाई दिल्ली समेत 50 जगहों पर हो रही है। एनआईए ने भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के बीच बढ़ते गठजोड़ को खत्म करने के लिए एक्शन लिया है ।
एनआईए (NIA) की जांच में यह भी पता चला कि देश में कई आपराधिक घटनाएं ऐसी हुईं, जो आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग्स की तस्करी करने वाले गिरोहों और नेटवर्कों के बीच एक गहरी साजिश थी, जो देश के भीतर और बाहर दोनों जगह से काम कर रहे थे।
बिहार के फुलवारी शरीफ में पीएफआई पर एनआईए ने छापा मारा है तो दिल्ली-एनसीआर, यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ में करीब 50 ठिकानों पर गैंग्स्टर और आतंकी गठजोड़ की जांच के सिलसिले में एनआईए की छापेमारी चल रही है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की इस कार्रवाई का मकसद भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों पर शिकंजा कसना है। दिल्ली पुलिस ने बीते दिनों यूएपीए के तहत दो मामले दर्ज किए थे उन्हीं मामलों को संज्ञान में लेते हुए एनआईए ने एक्शन लिया है।
दरअसल जांच में सामने आया कि विदेशों में बैठे गैंगस्टर और हिंदुस्तान की अलग-अलग जेलों में बंद गैंगस्टर अपना एक अलग लेवल का नेटवर्क चला रहे हैं और लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
हाल ही में एनआईए ने नीरज बवाना और बिश्नोई गैंग से जुड़े गैंगस्टरों से पूछताछ की थी। उसी इनपुट के आधार पर आज का ऑपरेशन चल रहा है। यह छापेमारी भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग स्मगलर और उभरती नेक्सेस को खत्म करने के लिए की गई है।
इससे पहले 14 अक्टूबर को जांच एजेंसी ने ड्रोन डिलीवरी मामले में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले सहित कई स्थानों पर तलाशी ली थी। एनआईए के मुताबिक मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
वहीं पिछले 9 महीनों में सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में 191 ड्रोन को घुसते देखा है जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर मामला है।
वहीं, देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें आतंकवादियों, गैंगस्टर्स और ड्रग्स तस्कर नेटवर्क के बीच गहरी साजिश दिखी है जिसको लेकर जांच एजेंसियां सख्त बनी हुई हैं।