याचिका खारिज : उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) में बैकडोर से भर्ती हुए कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं दी राहत
मुख्यधारा
उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती मामले में बर्खास्त कर्मचारियों को आज देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च अदालत ने उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों की याचिका को निरस्त कर दिया है। यानी अब इन कर्मचारियों की नौकरी लगभग खत्म हो चुकी है।
बता दें कि पिछले महीने नैनीताल हाई कोर्ट ने भी विधानसभा से कर्मचारियों की बर्खास्तगी को सही ठहराते हुए राहत नहीं दी थी। इसके बाद इन कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यहां से इन्हें आखिरी उम्मीद नजर आ रही थी। लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इनकी याचिका को निरस्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 228 बर्खास्त कर्मचारियों को झटका लगा है।
वहीं, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा ‘मैं धन्यवाद करती हूं सर्वोच्च न्यायालय का जिन्होंने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर लिए गए मेरे फैसले को सही ठहराया है।
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ये उत्तराखंड के युवाओं की जीत है । इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
एक महीने की जांच के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी तत्काल एक्शन लेते हुए इन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए थे। बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से हुई भर्ती मामले में सियासी बवाल भी खूब मचा था।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर इन कर्मचारियों की भर्ती के आरोप लगाए थे।