सियासत: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दो साल की सजा व ईडी-सीबीआई दुरुपयोग के खिलाफ विपक्ष लामबंद होकर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
- 14 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
- मामले में 5 अप्रैल को सुनवाई होगी।
- विपक्षी पार्टियों की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामला चीफ जस्टिस के सामने रखा।
- राजधानी दिल्ली में विजय चौक से निकाल रही पैदल मार्च, राष्ट्रपति से मिलने का मांगा समय।
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज शाम विपक्षी दलों की के साथ बुलाई हाई लेवल की बैठक।
मुख्यधारा डेस्क
गुजरात के सूरत कोर्ट द्वारा गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मोदी उपनाम के मामले में सुनाई गई 2 साल की सजा और ईडी-सीबीआई दुरुपयोग के खिलाफ समूचा विपक्ष राजधानी दिल्ली में लामबंद हो गया है।
कांग्रेस ने कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं को दिल्ली बुलाया है। इन दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार सीबीआई-ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष के नेताओं काे टारगेट कर रही है।
आज सुबह जांच एजेंसियों के दुरुपयोग’ का आरोप लगाते हुए 14 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया । इस मामले में 5 अप्रैल को सुनवाई होगी।
विपक्षी पार्टियों की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामला चीफ जस्टिस के सामने रखा। उन्होंने कहा, हम किसी लंबित मामले में दखल की मांग नहीं कर रहे, लेकिन गिरफ्तारी और बेल पर कोर्ट दिशा निर्देश तय करे।
सिंघवी ने ये भी कहा कि विपक्षी नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है, जिसके बाद सांसद विजय चौक तक मार्च करेंगे।
देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने के लिए शुक्रवार शाम को सभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं को एक बैठक के लिए बुलाया गया है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों ने शुक्रवार सुबह राहुल के मुद्दे पर बैठक की। साथ ही उन्होंने अडानी मामले पर जेपीसी जांच की मांग को लेकर चर्चा की।
इधर, कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। कांग्रेस विजय चौक तक पैदल मार्च निकाल रही है। इसके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शाम 5 बजे हाईलेवल मीटिंग करेंगे। इसमें सभी राज्यों के अध्यक्ष और बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
बता दें कि राहुल गांधी को गुरुवार को सूरत की कोर्ट ने 2 साल जेल की सजा सुनाई है। सजा मानहानि के केस में सुनाई गई है।
2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक की रैली में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। सजा सुनाए जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल की संसद सदस्यता चली जाएगी।
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही है, इस वजह से विपक्षी दलों को सजग होने की जरूरत है। कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का समय भी मांगा है।
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खड़गे के आवास पर आयोजित कांग्रेस सांसदों और संचालन समिति के सदस्यों की बैठक में निर्णय लिए गए।राहुल गांधी के मुद्दे पर विपक्ष भी एकजुट होता नजर आ रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा ये सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं है, ये एक बहुत गंभीर राजनीतिक मुद्दा भी है, जो हमारे लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा हुआ है। ये मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने की राजनीति और उत्पीड़न की राजनीति की एक बड़ी मिसाल है।
उन्होंने कहा, ‘इसे हम कानूनी तरीके से भी लड़ेंगे। कानून हमें जो अधिकार देता है, उन अधिकारों का हम इस्तेमाल करेंगे, पर ये एक राजनीतिक मुकाबला भी है, इसका हम सीधा मुकाबला करेंगे, हम पीछे हटेंगे नहीं, हम डरेंगे नहीं, इसे हम बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बनाएंगे। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने फैसला आने के तुरंत बाद कहा, गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी को इस तरह मानहानि मुक़दमे में फंसाना ठीक नहीं।
वहीं आरजेडी नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, विपक्षी एकजुटता में अब देर नहीं करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह से नर्वस हो चुके हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में हार से डरे हुए हैं।