दु:खद: पंजाब राजनीति के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का निधन
75 साल पहले शुरू की राजनीति की पारी में कई उतार-चढ़ाव देखे
मुख्यधारा डेस्क
पंजाब की राजनीति में सबसे कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया है। 95 वर्ष की आयु में प्रकाश सिंह बादल ने मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
बुधवार सुबह मोहाली से बठिंडा बादल के गांव तक प्रकाश सिंह बादल की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। वरिष्ठ अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल उनके बेटे हैं। बादल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम नेताओं ने गहरा शोक जताया है।
प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के छोटे से गांव अबुल खुराना के जाट सिख परिवार में हुआ था। बादल 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे। यह उनके राजनीतिक करियर की पहली हार थी। अधिक उम्र के कारण वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के कहने और पंजाब में अकाली दल की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में उतरे थे।
प्रकाश सिंह बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा।
1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे। इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने।