अपूर्णीय क्षति सुप्रसिद्ध अमित शाह (Amit Shah) युवा फोटोग्राफर
डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यहाँ पर कई अच्छे कलाकार, लेखक, गायक और फोटोग्राफर भी हैं। लेकिन मुश्किल तब आती है, जब उनकी प्रतिभा दुनिया के सामने लाने के लिए कोई सही प्लेटफॉर्म नहीं मिलता। कुमाऊँवाणी सामुदायिक रेडियो का प्रयास रहता है कि स्थानीय युवाओं की छिपी कला को सबके सम्मुख लाया जाये, फिर चाहे वो प्रतिभावन कलाकार हो या कोई उभरता कलाकार। स्थानीय कलाकारों को मंच मिलने से उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है। आइये इस कार्यक्रम में मिलवाते हैं आपको नैनीताल के सफल फोटोग्राफर अमित शाह से, जिन्होंने वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस पर कुमाऊंनी संस्कृति के छोलिया नृत्य को अपने कैमरे में कैद किया और इनके द्वारा लिए गए इस चित्र को पर्वत दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा कवर चित्र के रूप में छापा गया।
अमित शाह का जन्म 15 जनवरी 1982 को नैनीताल में हुआ था। नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसबी कैंपस से अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए अमित ने बी. कॉम. और एम.ए. की डिग्रियां हासिल कीं।बहुत कम समय में अमित साह ने अपने काम से अपने लिए एक बहुत बड़ा प्रशंसक वर्ग तैयार कर लिया। अमित शाह कैमरे से केवल तस्वीरें नहीं खींचते थे अमित कैमरे से जादू करते थे। अमित शाह की तस्वीरों की एक ख़ास बात यह है कि उनकी हर तस्वीर कहानी कहती है। आप घंटों उनकी खीचीं तस्वीरें देख सकते हैं और न जाने कितनी कहानियां कह सकते हैं देश से विदेश तक अमित साशाह ह की फोटोग्राफी देश से विदेश तक अमित साह की फोटोग्राफी के चर्चे थे। राज्य के तमाम विभागों के कैलेंडर में भी उनके चित्रों का प्रकाशन हुआ है। उनकी खींची हुई तस्वीरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जगह मिल चुकी है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2019 में उनके द्वारा 2017 में खींची गई फोटो को इंटरनेशनल माउंटेन डे के अवसर पर बनाये गए स्पेशल पोस्टर में भी जगह दी गई थी।
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साल 2013 से शौकिया फोटोग्राफी का एक सफ़र शुरू हुआ जिस पर आज सुबह विराम लगा। फोटोग्राफी के इस सफ़र का नाम है अमित
शाह फोटोग्राफी। 10 साल के इस सफ़र में अमित शाह और नैनीताल एक-दूसरे के पर्याय बन गये थे। नैनीताल के हर मौसम को अपने कैमरे की नजर से दुनिया को दिखाने वाले युवा फोटोग्राफर अमित शाह का आज सुबह निधन हो गया। अमित शाह की नजरों से दुनिया ने नैनीताल के हर मौसम की सुबह, दिन और शाम को देखा है। नैनीताल और उसके आसपास का इलाका अमित के सबसे प्रिय विषयों में रहा। इसके अलावा अमित ने खूब सारी यात्राएं की और तमाम ट्रेक्स पर गये। मनुष्य और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और ईमानदारी अमित शाह को अपनी पीढ़ी के अन्य लोगों से अलग बनाती है।
सत्तर के दशक में डीएसबी परिसर के प्राचार्य और हिंदी विभागाध्यक्ष रहे डॉ. राकेश गुप्त का जन्मशती समारोह रविवार को मनाया गया। इस मौके पर डॉ. राकेश के बेटे अभय गुप्ता और उनकी संस्था ग्रंथायन की ओर से जाने माने फोटोग्राफर अमित शाह को 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया था। फोटोग्राफर अमित शाह के चित्र मुख्य धारा और सोशल मीडिया में समान रूप से लोकप्रिय हैं। छह वर्ष पूर्व फोटोग्राफी शुरू करने से अब तक उनके खींचे फोटो 100 से अधिक समाचार पत्रों और मैगजीनों में प्रकाशित हुए थे उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अमित शाह का निधन उत्तराखंड और खासकर नैनीताल वासियों के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। सच की तोप भगवान से प्रार्थना करती है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। अचानक ही चला जाना बहुत ही दुःखद है। भावपूर्ण श्रद्धाजंलि
( लेखक दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं )