दर्दनाक हादसा: दिल्ली में पानी में डूबने से हुई तीन छात्रों की मौत के बाद 13 अवैध कोचिंग सेंटरों पर लगाया गया ताला, विरोध प्रदर्शन जारी
मुख्यधारा डेस्क
राजधानी दिल्ली में दो दिन पहले पानी में डूबने से एक छात्र दो छात्राओं की हुई मौत देशभर में सुर्खियों में बनी हुई है। दिल्ली में रहकर कोचिंग की तैयारी करने वाले हजारों विद्यार्थी भी सहमें हुए हैं। वहीं इस मामले में सियासत भी जारी है।
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से दर्दनाक हादसा हुआ था। यहां जलभराव के कारण 3 छात्रों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और कॉर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
संपत्ति के पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। हालांकि, संपत्ति मालिक को भवन उपनियमों (बिल्डिंग बायलॉज) का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। विशेष रूप से बेसमेंट के उपयोग के संबंध में। बेसमेंट में पार्किंग और भंडारण (स्टोरेज) के लिए अनुमति दी गई थी। इसके अलावा 13 अवैध कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया है। घटना के विरोध में राजधानी में कई स्टूडेंट संगठन सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं।
वहीं तीन स्टूडेंट्स की मौत का मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। राष्ट्रीय प्रवासी मंच की याचिका में छात्रों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने और हादसा होने पर उचित मुआवजा देने की मांग की गई है।
मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दुख जताते हुए कहा प्रतियोगी छात्रों की मृत्यु बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ दिन पहले बारिश के दौरान बिजली का करंट लगने से एक छात्र की मृत्यु हुई थी। इन्फ्रास्ट्रक्चर का ये कोलैप्स सिस्टम की संयुक्त असफलता है। असुरक्षित निर्माण, लचर टाऊन प्लानिंग और हर स्तर पर संस्थाओं की गैरजवाबदेही की कीमत आम नागरिक अपना जीवन गंवा कर चुका रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा यह लापरवाही और अव्यवस्था की पराकाष्ठा है कि जो बच्चे दूर-दूर से यहां अपने सपने पूरे करने के लिए आते हैं, उनकी जिंदगी भी उनसे छिन रही है। यह आपराधिक और गैर-जिम्मेदाराना है। इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। जिन इलाकों में प्रतियोगी छात्र रहते हैं, वहां से हर वो निर्माण, जो अवैध और जानलेवा है, उसे दुरुस्त करना चाहिए।
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बता दें कि शनिवार शाम तेज बारिश से सड़क पर करीब पांच फीट तक पानी भर गया था। तब कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में करीब 35 छात्र पढ़ रहे थे। शाम करीब सात बजे सड़क पर कुछ बड़े वाहनों के यूटर्न लेने पर पानी के प्रेशर से बेसमेंट की सीढ़ियों पर लगे कांच का दरवाजा टूट गया, जिससे तेज बहाव के साथ चंद मिनटों में वहां पानी भर गया।आनन-फानन छात्र बाहर निकलने लगे। बेसमेंट में जाने के लिए कांच के दरवाजे में बायोमैट्रिक सिस्टम लगे होने के कारण छात्रों को अंगूठा लगाना पड़ता है। शॉर्ट सर्किट से बिजली भी चली गई। इस कारण दो छात्राएं और एक छात्र अंदर ही फंसे रह गए और उनकी मौत हो गई।