आप (Aap) के सभी विधायक आज रात विधानसभा सदन में रुकेंगे, धरना देकर करेंगे विरोध
मुख्यधारा डेस्क
पिछले दिनों आम आदमी पार्टी (Aap) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज विधानसभा में अपने विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया।
सीएम केजरीवाल समेत पार्टी के सभी विधायकों ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इससे पहले दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव से पहले भाजपा के आठों विधायकों ने सीवर-पानी और भ्रष्टाचार पर चर्चा कराने की मांग की, जिसके बाद सभी बीजेपी विधायकों को पूरे दिन के लिए सदन से बाहर कर दिया गया।
इधर, दिल्ली की आम आदमी पार्टी (Aap) की सरकार ने एलान किया है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक आज रात विधानसभा में ही रुकेंगे और उपराज्यपाल का विरोध करेंगे। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज रात सभी आप विधायक सदन में ही रहेंगे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शाम को महात्मा गांधी प्रतिमा के नीचे सभी विधायक बैठेंगे और रातभर विधानसभा में ही रुककर उपराज्यपाल का विरोध करेंगे।
वहीं विधानसभा में सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष रहते हुए 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।
पार्टी ने अपने आरोपों में कहा कि खादी ग्रामोद्योग का अध्यक्ष रहते हुए विनय कुमार सक्सेना ने नोटबंदी के समय नवंबर 2016 में पुराने नोट को नए में बदल कर घोटाला किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर 1400 करोड़ का घोटाला किया गया।
वहीं आदमी केजरीवाल ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार आजादी के 75 साल की सबसे भ्रष्ट सरकार है। 10 लाख करोड़ इनके दोस्त खा गए। 6300 करोड़ में इन्होंने एमएलए खरीदे और लाल किले से कहते हैं, मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं।
उन्होंने कहा कि भाजपा वाले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गोवा में ऑपरेशन लोटस चला चुकी है। झारखंड में भी कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में भी इन्होंने कोशिश की थी, लेकिन फेल हो गए। 800 करोड़ धरे के धरे रह गए।
बता दें कि पिछले दिनों अब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री कार्यालय को लगभग 47 फाइलें वापस लौटा दी है। इन सभी फाइलों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं थे और एलजी ने इस पर मुख्यमंत्री को हस्ताक्षर करने के लिए कहा है। इसके साथ ही एलजी ने शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भविष्य में अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर की गई फाइलें ही कार्यालय भेजें।