महंगाई से त्रस्त उपभोक्ताओं को भाजपा सरकार देने लगी झटका : महर्षि - Mukhyadhara

महंगाई से त्रस्त उपभोक्ताओं को भाजपा सरकार देने लगी झटका : महर्षि

admin
d 1 16

महंगाई से त्रस्त उपभोक्ताओं को भाजपा सरकार देने लगी झटका : महर्षि

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि ने प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं पर लगाए गए करंट की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश की डबल इंजन सरकार अपनी असलियत जनता को दिखाने लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने सिस्टम को सुधारने के बजाय अपनी नाकामियों का बोझ आम जनता पर डाल रही है। महर्षि ने कहा कि पहले से महंगाई के बोझ से पिस रही जनता पर बिजली दरों में वृद्धि का बोझ डाल कर सरकार ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रही थी, उसे भय था कि चुनाव से पहले उपभोक्ताओं को बिजली दरों का करेंट लगाने से वोट का खतरा हो जायेगा, इसलिए चुनाव सम्पन्न होने का इंतजार किया गया और आज बेकसूर उपभोक्ताओं पर सरकार ने अपनी नाकामियों का नजला गिरा दिया।

यह भी पढ़ें : जंगलों में लगी आग (forest fire) से महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल

महर्षि ने कहा कि शुक्रवार को उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का एक और तगड़ा झटका लगा है। बिजली की नई दरों में करीब सात प्रतिशत की वृद्धि असहनीय है। इससे आम लोगों पर भारी बोझ पड़ेगा। मूल्य वृद्धि से बेहतर होता यूपीसीएल बिजली चोरी रोकने के उपाय करता, ताकि आम उपभोक्ताओं को उसकी कीमत न चुकानी पड़े। इसी तरह एक पुराने आदेश की आड़ में पानी की दरें भी बढ़ाई जा चुकी हैं जबकि प्रदेशभर में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।

यह भी पढ़ें : चारधाम यात्रा मार्ग पर जीएमवीएन लगा रहा ईवी चार्जिंग स्टेशन : महाराज

महर्षि ने कहा कि 4 जून के बाद देश के आम लोगों पर रसोई गैस की दरों में वृद्धि का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। लोगों का जीवन बोझिल करना ही भाजपा का उद्देश्य रह गया है और लोग अब बखूबी भाजपा के चाल चरित्र से वाकिफ हो गए हैं।

Next Post

आग की घटनाओं (Fire Incidents) में दोगुनी वृद्धि बनी सूक्ष्मजीवों के लिए मुसीबत

आग की घटनाओं (Fire Incidents) में दोगुनी वृद्धि बनी सूक्ष्मजीवों के लिए मुसीबत डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला आमतौर पर सर्दियों में जंगल नहीं जला करते। पिछले कुछ साल में छुटमुट घटनाएं सामने आने पर उत्तराखंड वन विभाग ने एक नवंबर […]
a 1 6

यह भी पढ़े