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विधानसभा निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिए निर्देश

admin
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देहरादून/मुख्यधारा

बैठक के प्रथम चरण में विधान सभा निर्वाचक नामावली का 01 जनवरी, 2022 की अर्हता तिथि के आधार पर वर्तमान में गतिमान विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यों की प्रगति, तथा विधान सभा के आगामी सामान्य निर्वाचन की प्रारम्भिक तैयारियों के संबंध में चन्द्रभूषण कुमार, उप निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग की अध्यक्षता में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखण्ड सौजन्या सहित राज्य के अन्य विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलग-अलग समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।

उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा वर्तमान में विधान सभा निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण के संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया गया कि, 01 जनवरी, 2022 की अर्हता तिथि के आधार पर अधिक से अधिक अर्ह नागरिकों के नाम निर्वाचक नामावली में सम्मिलित करवाने हेतु सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देशित किया जाय।
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ऐसे मतदेय स्थलों एवं विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को चिन्हित करें जहाँ पर 18-19 आयु वर्ग के युवाओं का पंजीकरण बहुत कम है। अधिक से अधिक युवाओं का नाम निर्वाचक नामावली में सम्मिलित कराने के लिए विभिन्न स्कूल/कॉलेजों एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों में विशेष शिविर आयोजित करने के भी निर्देश निर्गत किए गए।
इसी प्रकार जिन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों/मतदेय स्थलों में महिला मतदाताओं का लिंगानुपात असामान्य है वहाँ पर भी सभी संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा बताया गया कि, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के आलोक में राज्य में विगत में आई दैवीय आपदा में यदि किसी नागरिक का मतदाता फोटो पहचान पत्र नष्ट हो गया है, या खो गया है अथवा क्षतिग्रस्त हो गया है तो ऐसे क्षेत्र विशेष में संबंधित बीएलओ के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाय कि यदि संबंधित नागरिकों के नाम उस क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में पंजीकृत हैं तो उनके मतदाता फोटो पहचान पत्र निशुल्क तैयार कर वितरित किए जांय।
इसी प्रकार यदि आपदा प्रभावित क्षेत्र के किसी नागरिक के अन्य अभिलेख नष्ट हो गए, या खो गए अथवा क्षतिग्रस्त हो गए हैं, और निर्वाचक नामावली में नाम पंजीकृत करवाने के लिए प्रारूप-6 में आवेदन के साथ आयु प्रूफ (18-21 आयु वर्ग के) के लिए कोई अभिलेख नहीं रह गया है तो आयु प्रूफ के संबंध में प्रारूप-6 के साथ माता, पिता अथवा गुरु के द्वारा हस्ताक्षरित निर्धारित घोषणा पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है। ऐसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भी जनसामान्य की सुविधा के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश निर्गत किए गए।
उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा गत विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2017 के मतदान प्रतिशत की भी गहनता से समीक्षा करते हुए अपेक्षा की गई कि विधान सभा के आगामी सामान्य निर्वाचन में गत निर्वाचनों की अपेक्षा मतदान का प्रतिशत में अपेक्षित वृद्धि होनी चाहिए।
उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा इस संबंध में भी मतदेय स्थलवार तथा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रवार मतदान के प्रतिशत की समीक्षा करने के निर्देश निर्गत करने के साथ-साथ ऐसे मतदेय स्थलों एवं विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए, प्रभावी कार्यवाही करने की अपेक्षा की गई।
उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा पुलिस महानिरीक्षक, ए.पी.अंशुमन के साथ गत निर्वाचनों से संबंधित निर्वाचन अपराधों की समीक्षा की गई। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2017 के दौरान कुल-76 एफआईआर दर्ज हुई थी जिनका नियमानुसार निस्तारण करते हुए कुल-14 व्यक्तियों को सक्षम न्यायालय से सजा हुई है और कुल- 23  निर्वाचन अपराध संबंधी अभियोग न्यायालय में विचाराधीन हैं।
उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा पुलिस महानिरीक्षक से 06 माह से अधिक लम्बित गैर जमानती वारंट की समीक्षा करने के साथ-साथ इसकी विस्तृत सूचना भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य की सभी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के अन्तर्गत 18-19 आयुवर्ग के अधिक से अधिक अर्ह नागरिकों का नाम निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाने एवं मतदेय स्थलवार/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रवार जनसंख्या के सापेक्ष महिला मतदाताओं का लिंगानुपात के अनुरूप पंजीकरण सुनिश्चित किए जाने के लिए समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को मतदेय स्थलवार लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस हेतु इलेक्ट्रॉनिक, प्रिन्ट एवं सोशल मीडिया के माध्यम से निरन्तर विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन,  एस.एस. संधू के साथ विधान सभा के आगामी सामान्य निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में चर्चा की गई। उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग आफिसर, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी,  सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा निर्वाचन संबंधी अन्य महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की तैनाती के साथ-साथ कानून एवं व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार अधिकारियों के स्थानान्तरण पर भी ध्यान आकर्षित किया गया।
बैठक के द्वित्तीय चरण में राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव, अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, आर.के.सुधांशु, प्रमुख सचिव,  ए.पी. अंशुमन, पुलिस महानिरीक्षक, बी.एस.मनराल, सचिव कार्मिक, इकबाल अहमद, स्टॉफ ऑफिसर मुख्य सचिव, अतर सिंह, अपर सचिव, गृह, गरिमा रौंगली, अपर सचिव, स्वास्थ्य, डा. तृप्ति बहुगुणा, महानिदेशक स्वास्थ्य, डा. भागीरथी जंगपांगी, अपर निदेशक स्वास्थ्य द्वारा बैठक में प्रतिभाग किया गया।
उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा राज्य की सभी निर्वाचन क्षेत्रों के अन्तर्गत रिटर्निगं आफिसरों, सहायक रिटर्निगं आफिसरों, निर्वाचक एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करने के साथ-साथ ही आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्वाचन से संबंधित अधिकारियों के स्थानान्तरण पर भी ध्यान आकर्षित किया गया।
निर्वाचन के दौरान राज्य में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस महानिदेशक सहित गृह विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। गत निर्वाचनों से संबंधित निर्वाचन अपराध के लम्बित प्रकरणों पर भी पुलिस महानिदेशक का ध्यान आकर्षित किया गया और अपेक्षा की गई कि, लम्बित/विचाराधीन निर्वाचन अभियोगों पर प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाय।
बैठक के तृतीय चरण में विधान सभा के आगामी सामान्य निर्वाचन में निर्वाचन व्यय लेखों के रख-रखाव एवं अनुश्रवण हेतु विभिन्न विभागों के अधिकारियों, यथा रणबीर सिंह चौहान, आयुक्त आबकारी एवं महानिदेशक सूचना, सेंथिल अबुदई पाण्डियन, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, मंयक प्रभा तोमर, संयुक्त निदेशक आयकर, अपर्णा कुमार, डीआईजी आईटीबीपी, ए.के.रॉय, डीपीएस भारतीय डाक विभाग, नरेन्द्र रावत राज्य समन्वयक एसएलबीसी, बृजपाल नेगी, एसएसबी सचिन भालोडे, सीएससी रेलवे, श्री मनमोहन मैनाली, नोडल आफिसर निर्वाचन व्यय अनुश्रवण तथा अन्य विभिन्न अधिकारियों द्वारा अपना प्रस्तुतिकरण किया गया।
 उप  निर्वाचन  आयुक्त  द्वारा  निर्देशित  किया  गया  कि  सभी अधिकारियों/कर्मचारियों और विभागों को टीम भावना के साथ कार्य करना होगा और आपस में निरन्तर समन्वय बनाते हुए निर्वाचन व्यय लेखों के अनुश्रवण के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश निर्गत किए गए।
उक्त सभी समीक्षा बैठक में  पंकज श्रीवास्तव, निदेशक भारत निर्वाचन आयोग, के.पी. सिंह, सचिव भारत निर्वाचन आयोग,  एस.ए.मुरूगेशन, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी, प्रताप शाह, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं जितेन्द्र कुमार, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी सहित विभिन्न अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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