आस्था:  22 मार्च को ऐतिहासिक श्री झण्डे जी का आरोहण(Jhanda mela)। दस अप्रैल को होगा मेला संपन्न। देखें ऐतिहासिक महत्व - Mukhyadhara

आस्था:  22 मार्च को ऐतिहासिक श्री झण्डे जी का आरोहण(Jhanda mela)। दस अप्रैल को होगा मेला संपन्न। देखें ऐतिहासिक महत्व

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  • श्री झण्डे जी मेले (Jhanda mela) में जुटेंगी लाखों संगतें
  • श्री झण्डे जी मेले की तैयारियों को लेकर श्री दरबार साहिब में हुई मेला आयोजन समिति की बैठक
  • पूरे स्वरूप में होगा मेला आयोजन, बाजार सजेगा, देश विदेश से भारी संख्या में संगतों के पहुंचने का अनुमान
  • श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के निर्देशानुसार मेला आयोजन समिति ने मेला आयोजन की रूपरेखा की तैयार

देहरादून/मुख्यधारा

ऐतिहासिक श्री झण्डे जी मेले (Jhanda mela) के आयोजन की तैयारियों को लेकर सोमवार को श्री दरबार साहिब प्रबन्धन की महत्वपूर्णं बैठक आयोजित हुई। 22 मार्च 2022 को ऐतिहासिक श्री झण्डे जी का आरोहण होगा, 22 मार्च को श्री झण्डे जी के आरोहण के साथ ही ऐतिहासिक पवित्र मेले का शुभारंभ हो जाएगा।

श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की ओर से मेला आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्दश जारी कर दिए गए हैं। यह जानकरी श्री झण्डा जी मेला (Jhanda mela) आयोजन समिति के व्यवस्थापक के0सी0 जुयाल ने दी।

सोमवार को आयोजित बैठक में के.सी.जुयाल ने जानकारी दी कि इस वर्ष लाखों की संख्या में देश विदेश से संगतों के पहुंचने की सम्भावना है। मेले के दौरान होने वाली प्रमुख गतिविधियों व उनके संचालन को लेकर चर्चा की गई। मेले (Jhanda mela) के सफल संचालन हेतु 50 समितियों का गठन किया गया। मेला समिति के पदाधिकारियों को पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग करने व मेले में आने वाले श्रद्धालुओं व संगतों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इससे पूर्व भी मेला प्रबन्ध समिति की दो महत्वपूर्णं बैठकें आयेाजित की जा चुकी हैं।

संगतों के ठहरने की समुचित व्यवस्था

देश विदेश से आने वाली संगतों के लिए एसजीआरआर पब्लिक स्कूल की विभिन्न शाखाओं- रेसकोर्स, बिंदाल, राजा रोड, तालाब व बॉम्बे बाग में आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। शहर की प्रमुख धर्मशालाओं व होटलों के संचालकों से सम्पर्क कर मेला (Jhanda mela) आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं व संगतों के ठहरने हेतु आवश्यक व्यवस्था बनाई है। इस वर्ष मेला आयोजन के दौरान 8 बडे लंगर व 4 छोटे लंगरों की विशेष व्यवस्था की गई है।

श्री झण्डे जी मेले का कार्यक्रम जारी

श्री झण्डे जी मेला (Jhanda mela) आयोजन समिति की ओर से मेला आयोजन का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दिया गया है। 12 मार्च को श्री दरबार साहिब के प्रतिनिधि सुबोध उनियाल पंजाब की पैदल संगत के लिए पूजनीय श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का हुकुमनामा लेकर जाएंगे। 14 मार्च को अराइंयावाला में श्री झण्डे जी का आरोहरण किया जाएगा। 15 मार्च को पैदल संगतों का जत्था सहसपुर पहुंचेगा, श्री दरबार साहिब मेला आयोजन समिति की ओर से संगतों का सहसपुर में स्वागत किया जाएगा। 16 मार्च को पैदल संगत कांवली होते हुए श्री दरबार साहिब पहुंचेगी।

श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में दर्शनी गेट पर परंपरानुसार पैदल संगत का भव्य स्वागत किया जाएगा। 16 मार्च से संगतों के श्री दरबार साहिब पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 19 मार्च को श्री झण्डे जी के आरोहण के लिए तैयार किए गए ध्वजदण्ड को एसजीआरआर बॉम्बे बाग स्कूल से श्री दरबार साहिब तक लाया जाएगा। इसी दिन गिलाफ सिलाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा।

21 मार्च की शाम को परंपरा के अनुसार पूर्व से आई संगतों की विदाई होगी। 22 मार्च को सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच श्री झण्डे जी को उतराने का कार्यक्रम होगा। सेवकों व संगतों द्वारा श्री झण्डे जी को दही, घी, गंगाजल, एवं पंचगब्यों से स्नान करवाया जाएगा। सुबह 10 बजे से 2 बजे तक श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी द्वारा संगतों को दर्शन दिए जाएंगे व गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। शाम 3 बजे से 4 बजे के बीच श्री झण्डे जी का आरोहण किया जाएगा।

24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी के दिन श्री झण्डे जी मेला सम्पन्न हो जाएगा।

इस बार मेले में सजेंगी दुकानें

कोविड महामारी की वजह से विगत दो सालों से मेला (Jhanda mela) बाजार नहीं लग पा था, लेकिन इस बार मेले में सभी दुकानें लगेंगी। मेला व्यवस्थापक के.सी. जुयाल ने जानकारी दी कि इस बार सामान्य वर्षों की भांति मेला बाजार सजेगा। मेले में सभी प्रकार की दुकानें, झूले व चर्खियां आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होंगे। मेला बाजार में दुकानदार दुकानों, झूलों व चर्खियों के लिए बुकिंग करवा चुके हैं।

श्री झण्डे जी मेले का यह है एतिहासिक महत्व

सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म सन् 1646 ई. में जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था। श्री गुरु राम राय जी महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झण्डा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। होली के पॉचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाचा जाता है व हर साल श्री झण्डे जी मेल का आयोजन किया जाता है।

 

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