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सूतक काल : हरिद्वार हर की पैड़ी और वाराणसी में अस्सी घाट की संध्याकालीन आरती आज समय से पहले दोपहर में ही की गई, जानिए वजह

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सूतक काल : हरिद्वार हर की पैड़ी और वाराणसी में अस्सी घाट की संध्याकालीन आरती आज समय से पहले दोपहर में ही की गई, जानिए वजह

देहरादून/मुख्यधारा

आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। शनिवार शाम 4 बजे सूतक काल लगने की वजह से आज विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार स्थित हर की पहाड़ी और वाराणसी स्थित अस्सी घाट पर संध्याकालीन होने वाली आरती दोपहर को ही पूरी कर ली गई।

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इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने हरिद्वार और वाराणसी के घाटों पर गंगा में डुबकी लगाई। सूतक काल होने की वजह से शाम 4 बजे देश भर के मंदिर को के कपाट बंद कर दिए गए। धार्मिक नगरी हरिद्वार और वाराणसी में दोपहर को आरती होने की वजह से अलग नजर दिखाई दिया।

विश्व प्रसिद्ध हर की पैड़ी पर होने वाली संध्याकालीन आरती आज सूतक काल से पहले ही दोपहर 3 बजे ही की गई। आम दिनों की बात करें तो हरकी पैड़ी पर संध्या कालीन आरती 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू की जाती थी। श्री गंगा सभा के सचिव उज्ज्वल पंडित ने बताया कि आज हर की पैड़ी पर होने वाली आरती को चंद्र ग्रहण के कारण पहले ही कर लिया गया है।

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उज्ज्वल पंडित ने कहा कि सूतक काल प्रारंभ होने से पहले ही मां गंगा के मंदिर के कपाट को बंद कर दिए गए। वाराणसी के अस्सी घाट में चंद्रग्रहण के सूतक काल के कारण एक तरफ जहां मंदिरों के कपाट बंद हो गए हैं, तो वहीं गंगा घाटों की होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती भी सूतक काल के पहले दोपहर में सम्पन्न कर दी गई।

बता दें कि 32 सालों में चौथी बार ऐसा हुआ है जब गंगा आरती दोपहर में सम्पन्न की गई है। विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती सायंकाल के बजाए दोपहर में संपन्न कराई गई। श्रद्धालुओं की भीड़ भी इस अनोखी गंगा आरती के समय में सहभागी बनी रही। मंत्रोंचार और हर-हर महादेव के जयकारे से पूरा घाट गुंजायमान हो गया है।
जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त होगा, उसके बाद मां गंगा के जल से मंदिर को पूरी तरह धोकर मंदिर के कपाटों को खोला जाएगा।

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चंद्र ग्रहण आज 28- 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि यानी 29 अक्टूबर को 1 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। 1 घंटे 16 मिनट का चंद्र ग्रहण लगेगा। उपछाया से पहला स्पर्श देर रात 11 बजकर 32 मिनट पर होगा।

भारत समेत एशिया के कई अन्य देशों में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल 9 घंटे का होता है।आखिरी चंद्रग्रहण के पहले सूतक काल के कारण काशी के सभी देव और देवी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं यो वहीं मोक्ष काल तक के लिए मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया गया है।

दुर्गा मंदिर, संकट मोचन मंदिर,मानस मंदिर तमाम बड़े मंदिरों के मुख्य द्वार बंद कर दिए गए हैं।

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बता दें कि चंद्रग्रहण रात 1 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगा और 2 बजकर 23 मिनट पर खत्म, जिसके बाद सभी धार्मिक कार्य शुरू होंगे।

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