उम्र के इस पड़ाव पर सच बोल गए हरदा, पंचायतों मे भी बेहतरीन प्रदर्शन दोहराएगी भाजपा : भट्ट
- “कटोगे तो बंटोगे” का विकल्प तुष्टिकरण मे ढूंढ रही है कांग्रेस: भट्ट
- उम्र के इस पड़ाव पर सच बोल गए हरदा, पंचायतों मे भी बेहतरीन प्रदर्शन दोहराएगी भाजपा
देहरादून/मुख्यधारा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने केदारनाथ से जारी जीत के क्रम को निकायों एवं पंचायत चुनाव में भी दोहराने का दावा किया है । वहीं पूर्व सीएम हरदा द्वारा मोदी, योगी और धामी की तारीफ को उन्होंने वो सच बताया जो आखिरकार जुबान पर आ ही गया। उनका कथन बटोगे तो कटोगे का विकल्प तलाशने को उनकी तुष्टिकरण नीति की नए सिरे से तराशने की कोशिश बताया।
राज्यसभा सत्र में शामिल होने के उपरांत देहरादून पार्टी मुख्यालय पहुंचने पर भट्ट निकाय चुनावों को लेकर अहम बैठक में शामिल हुए। जिसमें उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी,खिलेंद्र चौधरी, राजेंद्र बिष्ट एवं प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार के साथ चुनावी रणनीति पर गहन चर्चा की। इससे पूर्व मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भट्ट कहा, केदारनाथ के चुनाव में जिस तरह की शानदार जीत हमें मिली है पार्टी उसे आने वाले सभी चुनाव में बरकरार रखेगी। चाहे वह निकायों के चुनाव हो या उसके बाद होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हों। चुनाव को लेकर पार्टी का संगठन पूरी तरह तैयार है और जैसे ही तारीखों का ऐलान होगा, हम अपनी रणनीति धरातल पर उतरना शुरू कर देंगे। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है कि विकास के मुद्दे पर प्रदेश की सनातन प्रेमी जनता का विश्वास हासिल करना।
पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा पीएम मोदी सीएम योगी और पुष्कर धामी का विकल्प नहीं होने के बयान को पूछे सवाल पर कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर सत्य का अनुभव अक्सर हो जाता है। साथ ही कहा कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष के नेताओं को भी भाजपा के इन सभी नेताओं की लोकप्रियता और कार्यक्षमता का अहसास है। यही वजह है कि जब भी हमारी सरकार के कार्यों और उपलब्धियों को वे जनता के बीच पाते हैं तो फिर नकारात्मक राजनीति पर उतर जाते हैं। लेकिन यह खुशी की बात है कि हरदा को इस सच्चाई का अहसास हुआ है। वहीं उनके बंटेंगे तो कटेंगे का काट नहीं निकलने वाले बयान पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस इसमें एकता का संदेश नहीं देख पाई और सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति ही करती रही है। लेकिन जनता उनकी समुदाय विशेष की रणनीति को बखूबी पहचान गई है। लिहाजा पीएम मोदी और सीएम योगी के देश को जोड़ने वाले नारों का काट ढूंढना उनके लिए असंभव है।
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