पौड़ी। ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम को गंभीरता से न लेने एवं लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने 17 संबंधित अधिकारियों का अगस्त 2019 के वेतन पर रोक लगा दी है, जबकि 4 अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस कार्यवाही से इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों में जहां खलबली मची हुई है, वहीं जनपद के अन्य उदासीन व कामचोर अधिकारियों की भी नींद उड़ गई है।
‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर माह जुलाई 2019 में अधिकारियों द्वारा आवंटित ग्रामों में भ्रमण/रात्रि विश्राम न करने, प्रगति रिपोर्ट न भेजने तथा ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम को गम्भीरता से न लेने एवं लापरवाही बरतने की 21 अधिकारियों की शिकायतें मिली थी। इस पर डीएम ने 17 संबंधित अधिकारियों का एक महीने का वेतन रोकने के अलावा चार अधिकारियों से जवाब मांगा है।
जिलाधिकारी ने तत्कालीन उपजिलाधिकारी पौड़ी हाल उपजिलाधिकारी कोटद्वार, उपजिलाधिकारी श्रीनगर, मुख्य चिकित्साधिकारी पौडी गढ़वाल, उद्यान विशेषज्ञ कोटद्वार, जिला कार्यक्रम अधिकारी पौड़ी गढ़वाल, जिला पूर्ति अधिकारी पौड़ी गढ़वाल, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी पौड़ी गढ़वाल, अधि. अभि. निर्माण शाखा जल निगम पौड़ी गढ़वाल, अधि.अभि. सिंचाई खण्ड दुगड्डा, अधि.अभि. लो.नि.वि. बैजरों, अधि.अभि. निर्माण शाखा जल निगम श्रीनगर, अधि.अभि. विद्युत पौड़ी, अधि.अभि. पीएमजीएसवाई कोटद्वार, अधि.अभि. विद्युत कोटद्वार गढ़वाल, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी कोटद्वार गढ़वाल, जिला परियोजना प्रबन्धक इकाई स्वजल पौड़ी तथा उपखण्ड अधिकारी विद्युत स्यूंसी के माह अगस्त, 2019 के वेतन पर रोक लगाई।
वहीं प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम पौड़ी, प्रभागीय वनाधिकारी लैंसडोन वन प्रभाग कोटद्वार, प्रभागीय वनाधिकारी भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडोन को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।