Mahakumbh : महाकुंभ में आज आखिरी अमृत स्नान, त्रिवेणी में हजारों साधु-संत लग रहे आस्था की डुबकी, 12 और 26 फरवरी को विशेष स्नान बाकी

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Mahakumbh : महाकुंभ में आज आखिरी अमृत स्नान, त्रिवेणी में हजारों साधु-संत लग रहे आस्था की डुबकी, 12 और 26 फरवरी को विशेष स्नान बाकी

महाकुंभ के तीसरे और आखिरी अमृत स्नान में उमड़े लाखों श्रद्धालु

मुख्यधारा डेस्क

महाकुंभ में बसंत पंचमी पर्व पर रविवार से शुरू हुआ स्नान जारी है। महाकुंभ में तीसरे अमृत स्नान के मौके पर देश-विदेश से आए श्रद्धालु गंगा नदी और त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस समय संगम में हजारों की संख्या में साधु संत डुबकी लगा रहे हैं।

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आज महाकुंभ का तीसरा और आखिरी अमृत स्नान है। दो और विशेष स्नान 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को हैं। महाकुंभ में 2 फरवरी रात 8 बजे तक 1.29 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से अब तक 34.90 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। हाथों में तलवार-गदा, डमरू और शंख। शरीर पर भभूत। आंखों पर काला चश्मा। घोड़े और रथ की सवारी। हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए साधु-संत स्नान के लिए संगम पहुंच रहे हैं। इस बार 4 करोड़ से अधिक लोगों के अमृत स्नान की संभावना है।

रविवार को ही लोगों के महाकुंभ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। देर शाम को संगम जाने वाले हर मार्ग पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं प्रशासन ने मौनी अमावस्या के हादसे से सबक लेते हुए व्यवस्थाओं में कई बदलाव किए हैं। क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।परंपरा का पालन करते हुए तीन संप्रदायों – संन्यासी, बैरागी और उदासीन के अखाड़े पूर्व निर्धारित क्रम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं, पहला समूह पहले से ही गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगा रहा है।

बसंत पंचमी स्नान को देखते हुए प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में 2 से 4 फरवरी तक वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। वीवीआईपी पास भी रद कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं को अपने वाहन शहर के बाहर पार्किंग में खड़े करने होंगे। यहां से शटल बस से या पैदल घाटों तक पहुंच सकेंगे। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है। एक साइड से श्रद्धालु आएंगे तो दूसरी साइड से निकासी होगी।

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प्रशासन द्वारा संतों और श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्प-वर्षा भी की गई है। मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ को लेकर प्रशासन इस बार पहले से अलर्ट है। इस बार ऐसी कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए प्रशासन ने पहले से इंतजाम किए हुए हैं।

प्रशासन का अनुमान है कि सोमवार को लगभग पांच करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे। प्रात:काल से ही संगम जाने वाले हर मार्ग पर तो आस्था का वेग प्रवाहमान है। महाकुंभ मेले के सुचारू संचालन की निगरानी के लिए सरकार ने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को भी तैनात किया है, जो 2019 अर्ध कुंभ का सफलतापूर्वक संचालन करने वाली टीम का हिस्सा थे।

आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी के पास प्रयागराज में प्रशासन का व्यावहारिक अनुभव है। इन दोनों अधिकारी 2019 अर्ध कुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन और एजेंसियों के बीच समन्वय को बखूबी संभाला था। दोनों मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के साथ जुड़ गए, जो छह साल पहले के अर्धकुंभ मेले की तिकड़ी का हिस्सा थे। मेला क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण उपायों की निगरानी खुद अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को महाकुंभ में शामिल श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश और नियम लागू करने का अनुरोध किया गया था।

बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज पर भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए थे। पुलिस ने कहा कि भारी भीड़ के कारण, भक्तों ने जगह के लिए धक्का-मुक्की की, जिससे एक बैरियर टूट गया, जिससे भगदड़ मची थी।

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