अभी बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे। विधायक जी लॉकडाउन में 11 लोगों को लेकर तीन वाहनों में
यूपी से कर्णप्रयाग तक पहुंचे
मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। लॉकडाउन में जहां राज्य की सीमाएं सील की गई हैं, वहीं दूसरे राज्यों से प्रवासी उत्तराखंडियों को भी बड़ी सघन स्क्रीनिंग के बाद ही उत्तराखंड बॉर्डर तक छोड़ा जा रहा है। वहां से प्रदेश के वाहनों में उन्हें अपने जिलों में पहुंचाया जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के एक विधायक जी ऐसे हैं, जो यूपी से कर्णप्रयाग तक पहुंच गए। विधायक जी बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने जा रहे थे।
सवाल यह है कि अभी बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने में करीब 12दिनों का वक्त है तो फिर किसने विधायक जी को उत्तराखंड में घुसकर बद्रीनाथ धाम तक जाने की परमिशन दे दी?
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने 11 समर्थकों के साथ तीन वाहनों में उत्तराखंड बॉर्डर क्रॉस कर हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर गौचर तक पहुंच गए। वहां पुलिसकर्मियों को दादागिरी दिखाते हुए वह आगे बढऩे में सफल हो गए। बताया गया कि जैसे ही वे कर्णप्रयाग पहुंचे, उन्होंने पुलिसकर्मियों ने वहां रोक लिया और आगे जाने की अनुमति नहीं दी। वहां से उन्हें वापस भेज दिया गया है।
ताज्जुब की बात यह है कि उनके पास से बद्रीनाथ तक जाने के लिए वैलिड पास भी मिला, जो उत्तराखंड शासन द्वारा जारी किया गया था। सवाल यह है कि अभी बद्रीनाथ धाम के कपाट आगामी 15 मई को खुलेंगे और कपाट खुलने के बाद भी श्रद्धालुओं के लिए धाम में दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी, तो फिर किसकी परमिशन से विधायक अमनमणि कर्णप्रयाग तक जाने में सफल हो गए।
सवाल यह भी है कि उत्तराखंड बॉर्डर से लेकर कर्णप्रयाग तक तमाम बैरिकेटिंग सघन चैकिंग कर रहे हैं, तो फिर विधायक जी और उनके समर्थकों ने वहां पर पुलिसकर्मियों को क्या कहा होगा, जिससे वे लगातार आगे बढ़ते चले गए।
चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि 11 लोग आए थे। वे बता रहे थे कि बद्रीनाथ में पितृ कार्य करना है। लेकिन उन्होंने जिलाधिकारी के साथ मिलकर निर्णय लिया कि उन्हें यहां से आगे नहीं जाने दिया जाएगा और फिर उन्हें कर्णप्रयाग से वापस भेज दिया गया। चौहान ने कहा कि जब धाम के कपाट ही नहीं खुले हैं तो ऐसे में वहां कोई पूजा कैसे संभव है।
बहरहाल, आम जनता के लिए तमाम नियम-कायदे हैं और उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ तत्काल मुकदमे भी किए जा रहे हैं, लेकिन खास और ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों पर इस तरह के नियम असर नहीं करते हैं!
यह भी पढ़ें : बड़ी दुःखद खबर : पाकिस्तानी गोलाबारी में उत्तराखंड के 2 जवान शहीद
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में एक और कोरोना मरीज। थम नहीं रहा सिलसिला
यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग : गढ़वाल में फंसे लोग अपने राज्यों को जाना चाहते हैं तो यहाँ करें फोन