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बजट का प्रारूप: निर्मला सीतारमण के बजट में घुमावदार मोड़ रहे, टैक्स समेत कई घोषणाओं पर उलझे आम नागरिक

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बजट का प्रारूप: निर्मला सीतारमण के बजट में घुमावदार मोड़ रहे, टैक्स समेत कई घोषणाओं पर उलझे आम नागरिक

मुख्यधारा डेस्क

केंद्र सरकार के पेश किए गए बजट को लगभग 24 घंटे बीत चुके हैं। आम लोगों को बजट समझने के लिए बहुत ज्यादा दिमाग लगाना पड़ता है। इस बार भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कई घुमावदार मोड़ रहे। बजट में टैक्स को लेकर मामूली सी राहत दी गई। लेकिन आम लोगों को इसमें भी टैक्स बचाने के लिए नए और पुराने में उलझा दिया।

बिहार,आंध्र प्रदेश को बजट में खुश कर दिया और कई राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और हिमाचल नाराज हो गए। वित्त मंत्री ने बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा भी की। तीनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के बजट पर गहरी नाराजगी जताई है। बजट में वित्त मंत्री ने आम जनता, कृषि क्षेत्र, रोजगार, स्किल डिवेलपमेंट और एजुकेशन सेक्टर के लिए कई बड़े एलान किए।

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वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि इस बजट में गरीब, महिलाएं, युवा और किसानों पर जोर दिया गया है। ऐसे ही युवाओं, बेरोजगारों और मुद्रा लोन को लेकर घोषणाओं को समझने के लिए छोड़ दिया गया।

अब आइए जानते हैं बजट में आम लोगों को क्या-क्या फायदा हुआ। बजट में नए टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। नए टैक्स रिजीम में नौकरीपेशा लोगों को 17.5 हजार रुपए तक की बचत होगी। न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई।
पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई।

नए टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव: 3-7 लाख रुपये के बीच आय पर पांच प्रतिशत, 7-10 लाख रुपये के लिए 10 प्रतिशत, 10-12 लाख रुपये के लिए 15 प्रतिशत। कैंसर की तीन दवाओं – ट्रैस्टुजुमैबडेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमाब – को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई।

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मोबाइल फोन, मोबाइल सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। बच्चों के लिए (एनपीएस वात्सल्य) स्कीम लॉन्च, माता-पिता कर सकेंगे पैसे जमा। 18 साल के होने पर रेगुलर एनपीएस अकाउंट में हो जाएगा तब्दील। बिहार को हाईवे के लिए 26 हजार करोड़ रुपये का बजट। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) घटाकर छह प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया। प्रतिभूतियों के वायदा एवं विकल्प सौदों पर लगने वाले प्रतिभूति लेनदेन कर को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत किया गया। शेयरों की पुनर्खरीद पर होने वाली आय पर टैक्स लगाया जाएगा।

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स खत्म कर दिया गया। विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। अपील में लंबित आयकर विवादों के समाधान के लिए ‘विवाद से विश्वास’ योजना, 2024 लाई जाएगी। कर न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा बढ़ाकर क्रमश: 60 लाख रुपये, दो करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।

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कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक लाभ पर 20 प्रतिशत टैक्स। सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 प्रतिशत टैक्स। सूचीबद्ध शेयरों से हुए 1.25 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर छूट दी गई। ई-कॉमर्स कंपनियों पर टीडीएस की दर एक से घटाकर 0.1 प्रतिशत की गई। विवरण दाखिल करने की नियत तिथि तक टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया गया।

आयकर आकलन को तीन साल से पांच साल तक दोबारा खोला जा सकता है। हालांकि यह उसी समय होगा जब बची हुई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक हो। सरकार आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा छह महीने में पूरी करेगी।

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जीएसटी को सरल और आसान बनाया जाएगा, ताकि बाकी क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया जा सके। राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान, अगले साल 4.5 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान। बजट में विनिर्माण एवं सेवाओं सहित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की रूपरेखा दी गई। बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया।

कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित। वित्त वर्ष 2024-25 का पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये निर्धारित। बिहार में कुछ सिंचाई और बाढ़ रोकथाम परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता। नेपाल के साथ मिलकर होगा काम। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता।

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