यूएसए में रह रहे प्रवासी भारतीयों को अब H1 बी वीजा (H1 B Visa) के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, अमेरिका दौरा खत्म कर पीएम मोदी मिस्र रवाना - Mukhyadhara

यूएसए में रह रहे प्रवासी भारतीयों को अब H1 बी वीजा (H1 B Visa) के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, अमेरिका दौरा खत्म कर पीएम मोदी मिस्र रवाना

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यूएसए में रह रहे प्रवासी भारतीयों को अब H1 बी वीजा (H1 B Visa) के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, अमेरिका दौरा खत्म कर पीएम मोदी मिस्र रवाना

मुख्यधारा डेस्क

अमेरिका दौरा खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र के लिए वाशिंगटन से रवाना हो गए हैं। यहां पर पीएम मोदी 2 दिन रहेंगे और इस दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकी दौरे के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन के रोनाल्ड रीगन सेंटर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘यहां मुझे हिंदुस्तान के हर कोने के लोग नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे मिनी इंडिया उमड़ा है। अमेरिका में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की सुंदर तस्वीर दिखाने के लिए आपको बधाई देता हूं।

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इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगाए। इसके बाद पुरस्कार विजेता इंटरनेशनल सिंगर मैरी मिलबेन ने भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन गाया। इसके बाद मिलबेन ने पीएम के पैर छुए। इस दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी दौरे की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने ने कहा कि ‘भारत और अमेरिका के परस्पर रिश्तों की एक नई और गौरवशाली यात्रा की शुरुआत हुई है। आज दुनिया, दो महान लोकतंत्रों की साझेदारी को और सशक्त होते देख रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए एक अहम घोषणा की। पीएम ने कहा कि H1 बी वीजा को रिन्यू करने के लिए अमेरिका से बाहर नहीं जाना पड़ेगा और अमेरिका के दो और शहरों में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाएंगे। जैसे ही पीएम मोदी ने यह ऐलान किया तो रोनाल्ड रीगन सेंटर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि अमेरिका बेंगलुरु और अहमदाबाद में नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा। नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास दुनिया के सबसे बड़े अमेरिकी राजनयिक मिशनों में से एक है। इसकी वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, दूतावास चार वाणिज्य दूतावासों – मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद में की गतिविधियों का संचालन करता है। बता दें कि एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है। एच1बी वीजा आमतौर पर उन लोगों को दिया जाता है जो अमेरिका में काम करने के लिए जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ये वीजा अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी है। इसके बाद उसे ग्रीन कार्ड दिया जाता है। इस वीजा की वैलिडिटी छह साल की होती है। अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्‍स इस वीजा सबसे अधिक हासिल करते हैं। जिन लोगों का एच-1बी वीजा की अवधि खत्म हो जाती है तो वह फिर अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं। एच-1बी वीजा धारक शख्स अपने बच्चों और पत्नी के साथ अमेरिका में रह सकता है।

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पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान यह खास उपलब्धियां रही

  • अमेरिका 100 से ज्यादा कलाकृतियां लौटाएगा।
  • GE का भारत में लड़ाकू विमान का इंजन बनाया जाएगा।
  •  गूगल भारत में ग्लोबल सेंटर खोलेगा।
  • बोइंग भारत में बड़ा निवेश करेगा।
  • माइक्रॉन भारत में सेमीकंडक्टर बनाएगा।
  • नासा भारतीय एस्ट्रोनॉट को एडवांस ट्रेनिंग देगी।
  • अमेरिका के दो शहरों में वाणिज्यिक दूतावास खोले जाएंगे।
  • अमेरिका भी भारत के अहमदाबाद और बेंगलुरु में कॉन्सुलेट खोलेगा।
  •  मून से मंगल तक जुड़ेगा भारत।
  • मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड बनेगा
  • H1B वीजा रिन्यू करने के लिए अमेरिका से बाहर नहीं जाना होगा। अमेरिका में ही H1B वीजा रिन्यू हो जाएगा।
  • L कैटेगिरी वीजा के लिए यही व्यवस्था हो सकती है।
  • गूगल एआई सेंटर 100 से ज्यादा भाषाओं में काम करेगा।

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अमेरिका दौरा खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह वाशिंगटन से मिस्र के लिए रवाना हो गए हैं। ‌ प्रधानमंत्री मिस्र के दो दिवसीय राजकीय दौरे पर रहेंगे। काहिरा में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मिस्र दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं और हमारे संबंध चार हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं। उन्होंने कहा कि सदियों से हमारे समुद्री संपर्क रहे हैं और हाल के वर्षों में, खासतौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद, संबंध और भी मजबूत हुए हैं। भारतीय राजदूत ने कहा कि मिस्र में हर कोई भारतीय संस्कृति से प्रभावित है और वे दशकों से बॉलीवुड फिल्में देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वे जानते हैं कि भारत और मिस्र ने गुट निरपेक्ष आंदोलन के लिए मिलकर काम किया था। वे अभी भी महात्मा गांधी और साद जगलौल के बीच घनिष्ठ मित्रता को याद करते हैं।

‘ गुप्ते ने कहा कि मिस्र के लोग भारत के करीब रहना चाहते हैं। वे हमारी संस्कृति और हमारे पारिवारिक मूल्यों के साथ बहुत निकटता से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी 24 और 25 जून को मिस्र की राजकीय यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) की विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रधानमंत्री मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर मिस्र का दौरा कर रहे हैं। यह निमंत्रण जनवरी 2023 में दिया था जब उन्होंने ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की शोभा बढ़ाई थी। यह पीएम मोदी की पहली मिस्र यात्रा होगी। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सीसी के साथ बातचीत के अलावा मिस्र सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और कुछ प्रमुख हस्तियों व भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। भारत और मिस्र के बीच संबंध प्राचीन व्यापार और आर्थिक संबंधों के साथ-साथ सांस्कृतिक और गहरी जड़ें रखने वाले लोगों के बीच संबंधों पर आधारित हैं। जनवरी 2023 में राष्ट्रपति सीसी की राजकीय यात्रा के दौरान संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई थी।

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