सियासत: हर दिन नए पेपर लीक (paper leak) की खबरों से बौखला गयी है सरकार: यशपाल आर्य
देहरादून/मुख्यधारा
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बीती रात को देहरादून के गांधी पार्क में शांति पूर्वक धरना दे रहे बेरोजगार युवक-युवतियों को बल पूर्वक हटाने से ये सिद्ध हो गया है कि, हर दिन नए पेपर लीक की खबर से सरकार बौखला गयी है। उन्होंने कहा कि अभी तक नकल के जितने भी मामले खुले हैं, वे राज्य पुलिस या राज्य की अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा नहीं खोले गए हैं, बल्कि बेरोजगारों की सूचना और लंबे संघर्ष के बाद खुले हैं। ऐसे में सरकार बेरोजगारों को पारदर्शी और नकल विहीन परीक्षा आयोजित करने की गारंटी देने के बजाय उनका ही दमन कर रही है।
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यशपाल आर्य ने कहा कि बेरोजगारों की सारी आशंकायें जायज हैं तथ्य साबित कर रहे हैं कि सरकार और परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाएं जिनमें राज्य लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्था भी सम्मिलित है अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असफल सिद्ध हुई हैं। इसलिए यदि बेरोजगार समस्त जांचों के पूरा होने के बाद, कठोर नकल विरोधी कानून पास करने तथा पुराने नकलचियों को आगामी परीक्षाओं में न बैठने देने जैसी मांग कर रहे हैं तो उनकी मांगें बिल्कुल जायज हैं।
यशपाल आर्य ने कहा कि, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग और यूके. एस.एस.सी को बेरोजगारों की सभी आशंकाओं का समाधान करने के बाद ही कोई प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि सरकार को भी नकल विरोधी कानून अध्यादेश के रूप में लाकर बेरोजगारों के बीच संशय की थोड़ी सी गुंजायश भी खत्म कर देनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कुछ महीनों पहले यूके. एस.एस.सी से शुरू हुए भर्ती घोटालों की आंच अब प्रदेश में परीक्षा आयोजित करने वाली एकमात्र संबैधानिक संस्था, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं तक पंहुच चुकी है।
आर्य ने कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग ने पहले दावा किया था कि आयोग में पटवारी भर्ती धांधली प्रकरण पहला मामला है, लेकिन अब सरकार के द्वारा अन्य मामलों में की गई कुछ गिरफ्तारियां सिद्ध करती हैं कि आयोग द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाओं के पेपर भी लीक हुए हैं।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बेरोजगारों द्वारा दिये साक्ष्यों के बाद मई 2021 में संपन्न हुई जेई की परीक्षा के मामले में गिरफ्तारियां हो गयी हैं। इन गिरफ्तारियों से पहले 8 जनवरी 2022 को संपन्न हुई पटवारी लेखपाल परीक्षा के प्रश्न बैंक भी बाहर आने के बाद इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी थी तो इन दोनों परीक्षाओं के बीच आयोग द्वारा आयोजित अपर पीसीएस, लोअर पीसीएस, हाईकोर्ट कार्मिक, पीसीएस-जे, प्रवक्ता आदि परीक्षाओं में गड़बड़ नही हुई होगी ये कैसे माना जा सकता है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोक सेवा आयोग में विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न बैंक को गोपनीय रखने के लिए जिम्मेदार 2 अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच में नकल के सभी मामलों में संगठित गिरोह की भूमिका भी सिद्ध हो चुकी है तो ऐसे में कैसे माना जा सकता है कि, पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक नही हुआ होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की इस मामले में नीयत वास्तव में साफ है और वे उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते हैं तो परीक्षा घोटाले से जुड़े सभी मामलों की जांच तत्काल सीबीआई को सौंप दें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिना नकल विरोधी कानून के कठोर प्राविधानों के पेपर लीक करवाने वाले अधिकारी और अपराधी आसानी से जमानत पर छूट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य में सामने आए पहले परीक्षा घोटाले के बाद राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित हुआ परंतु सरकार नकल विरोधी कानून नही लायी। यशपाल आर्य ने चेताया कि, अभी भी सरकार को अपने विधायी कर्तव्य का पालन करते नकल विरोधी कानून को अध्यादेश के रुप में लाना चाहिए और जब तक कानून न आए तब तक कोई परीक्षा आयोजित नहीं करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार और राज्य पुलिस को चेताते हुए कहा कि वह बेरोजगार युवाओं को धमकाने का काम न करे, क्योंकि अभी तक जो भी नकल या पेपर लीक के मामले सामने आए हैं वे बेरोजगारों के मेहनत और सजगता से आए हैं, इसलिए आगे भी इन बेरोजगारों की सूचनाओं पर परीक्षा घोटालों की जांच कर राज्य के बेरोजगारों को न्याय दिलाएं।