केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में बनेंगे रोपवे, कैबिनेट मीटिंग में केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
देहरादून/मुख्यधारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन बाद गुरुवार को उत्तराखंड के हर्षिल और मुखबा दौरे पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले बाबा केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के तीर्थ यात्रियों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है।
राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर कुल 4081.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद केदारनाथ धाम सालभर सोनप्रयाग से जुड़ा रहेगा। वहीं तीर्थयात्रियों को 16 किमी लंबे दुर्गम रास्ते से भी छुटकारा मिल जाएगा।
केंद्रीय कैबिनेट ने हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 2730 करोड़ रुपये की धनराशि भी मंजूर की है। यह प्रोजेक्ट 12.4 किलोमीटर लंबा होगा। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, ‘अभी जो यात्रा 8-9 घंटे में पूरी होती है, वह घटकर 36 मिनट की हो जाएगी। इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।
राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक (12.9 किमी) और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक (12.4 किमी) का रोपवे बनेगा। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इसे बनाएगा। भगवान शिव का मंदिर केदारनाथ में है। यह समुद्र तल से 3,584 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां मंदाकिनी नदी है।
केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ में बनने वाला रोपवे सबसे एडवांस्ड ट्राई केबल डिटेचेबल गोंडोला टैक्निक वाला होगा। इससे हर घंटे 1800 और हर दिन 18 हजार तीर्थ यात्रियों को पहुंचाया जाएगा। केदारनाथ जाने में एक तरफ से कम से कम 9 घंटे का समय लगता है। रोपवे बन जाने के बाद यह यात्रा 36 मिनट में होगी।
केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की कठिन चढ़ाई है। अभी इसे पैदल, पालकी, टट्टू और हेलिकॉप्टर से पूरा किया जाता है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी रोपवे बनेगा। इसमें 2,730.13 करोड़ रुपए खर्च होंगे। रोपवे से हर घंटे 1100 और हर दिन 11 हजार यात्रियों को ले जाया जाएगा। हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में है। इसकी समुद्रतल से ऊंचाई 15 हजार फीट है। यहां स्थापित गुरुद्वारा मई से सितंबर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुलता है। हर साल लगभग 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, पहाड़ी क्षेत्रों में अंतिम मील तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और तीव्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है। रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगी।