हरित और सतत विकास हेतु आगे आएं वैज्ञानिक, इंजीनियर्स व शोधार्थी : कोश्यारी (Koshyari) - Mukhyadhara

हरित और सतत विकास हेतु आगे आएं वैज्ञानिक, इंजीनियर्स व शोधार्थी : कोश्यारी (Koshyari)

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हरित और सतत विकास हेतु आगे आएं वैज्ञानिक, इंजीनियर्स व शोधार्थी : कोश्यारी (Koshyari)

देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का समापन

देहरादून/मुख्यधारा

इंस्टीट्यूशंस ऑफ़ इंजीनियर्स में आयोजित हुआ समापन कार्यक्रम
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में चल रहे तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का समापन हो गया, जिसमें मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने हरित और सतत विकास के लिए नई प्रौद्योगिकी पर शोध के लिए वैज्ञानिकों, इंजीनियर्स व् शोधार्थियों का आह्वान किया। साथ ही, विशेषज्ञों द्वारा मंथन से प्राप्त निष्कर्ष को सरकार तक पहुंचाने का निर्णय किया गया।

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शनिवार को सहारनपुर रोड स्थित इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स में देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग द्वारा इंस्टीट्यूशंस ऑफ़ इंजीनियर इंडिया, डिजास्टर अवेयरनेस एंड मैनेजमेंट फोरम, यूसर्क, यूकॉस्ट, यूजेवीएनएल के सहयोग से  ‘हरित और सतत विकास के लिए स्मार्ट इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज़’ पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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इस मौके पर मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विकास योजनाओं को अमल में लाने पर ज़ोर दिया।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन अति गंभीर मुद्दा है, जिसका खामियाज़ा पूरे जनमानस को भुगतना पड़ता  है। इसलिए अगली पीढ़ी को इसके दुष्प्रभाव से बचाने के लिए हमें आज से ही तैयारी शुरू करनी होगी।  इसलिए हरित विकास के प्रति इंजीनियर्स, वैज्ञानिक व शोधार्थियों को अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए स्मार्ट तकनीकी को बढ़ावा देते हुए शोध कार्य करने होंगे।

इस मौके पर हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला और भोले जी महाराज ने स्वस्थ और शिक्षित समाज के प्रति अपने कर्तव्यों की कड़ी में हरित विकास को भी शामिल करने का ऐलान किया।

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उन्होंने कहा कि पृथ्वी को हरा भरा रखना हम सभी कि ज़िम्मेदारी है ताकि आगे आने वाली पीढ़ी को खूबसूरत दुनिया नसीब हो। इस मौके पर भगत सिंह कोश्यारी द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया। साथ ही, आईईआई कोलकाता के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह द्वारा टिहरी बाँध पुनर्वास पर लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग की डीन डॉ रितिका मेहरा द्वारा तीन दिवसीय सेमिनार से निकले निष्कर्ष पर प्रकाश डाला गया। वहीं, पीटीसीयूएल महानिदेशक पीसी ध्यानी, यूपीसीएल महानिदेशक अनिल कुमार, यूजेवीएनएल महानिदेशक  संदीप सिंघल ने भी अपने विचार रखे।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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