यमकेश्वर/मुख्यधारा
सड़क किसी भी क्षेत्र के विकास की प्रथम सीढी होती है, किंतु प्रदेश के सबसे नजदीकी विकासखंड यमकेश्वर की तालाब बनी सड़कें विकास की हकीकत बयां कर रही हैं। स्थिति यह है कि वाहनों के आने जाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं पैदल चलने वालों को भी बड़ी परेशानी हो रही है।
यमकेश्वर की स्थानीय जन समस्याओं को हमेशा अपने बेबाक अंदाज में उजागर करने वाले पूर्व सैनिक एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा व आप नेता सुदेश भट्ट कहते हैं कि जहां तीरथ सरकार अपने सौ दिन पूर्ण करने पर जश्न मना रही है, वहीं राज्य निर्मांण के बाद भाजपा का अभेद्य किला माने जाने वाले यमकेश्वर की ये सड़कें सरकारों की 20 सालों की उपलब्धियों की पोल खोल रही हैं।
सुदेश भट्ट ने बताया कि यमकेश्वर को प्रदेश की राजधानी देहरादून से जोड़ने वाले घट्टुगाड, मोहनचट्टी, गैंडखाल, सिलोगी, गुमखाल जिला मुख्यालय पौड़ी समेत लैंसडौन कोटद्वार को जोड़ने वाली सड़क है, जो जून की पहली ही बरसात में तालाब का रूप धारण कर चुकी हैं। सड़क की इस दुर्दशा से चिंतित व आक्रोशित पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने स्थानीय युवाओं व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ लबालब जलाशय का का रूप धारण कर चुकी सड़क पर मच्छी मारने का जाल (फट्योल़) लगाकर अपना विरोध जताया। साथ ही सरकार से मांग करते हुए कहा कि यदि उक्त समस्या का शीघ्र निवारण नहीं किया गया तो स्थानीय ग्रामीण व यमकेश्वर विधानसभा के सैकड़ों आप कार्यकर्ता स्थानीय जन समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे!
सड़क की दयनीय स्थिति पर सुदेश भट्ट ने बताया कि सिलोगी गैंडखाल से लेकर घट्टुगाड तक सड़क किनारे सुरक्षा के नाम करोड़ों रुपये खर्च कर कार्य अधूरे छोड़ दिये गये हैं, जहां विकास के नाम पर गहरी गहरी खाई व नुकीले सरिये खुला छोड़कर जनता के साथ खिलवाड़ किया गया है। जिससे बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। यदि उक्त अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण नहीं किया जाता तो यमकेश्वर के आप कार्यकर्ता व स्थानीय जनता हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत जनता की आवाज बुलंद करेगी।
विरोध प्रदर्शन करने वालों में भगत राम जोशी, प्रदीप बिष्ट, शंकर, जितेंद्र, अश्वनी, मुकेश, सुमित बिष्ट आदि शामिल थे।
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