केंद्र सरकार ने नर्मदेश्वर तिवारी को वायुसेना का उपप्रमुख बनाया, दून सैन्य अकादमी से लिया है प्रशिक्षण

admin
a

केंद्र सरकार ने नर्मदेश्वर तिवारी को वायुसेना का उपप्रमुख बनाया, दून सैन्य अकादमी से लिया है प्रशिक्षण

मुख्यधारा डेस्क

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ चल रही तनातनी के बीच केंद्र के मोदी सरकार ने नए वायु सेना उप प्रमुख की तैनाती की है। बिहार के नर्मदेश्वर तिवारी भारतीय वायुसेना के उपप्रमुख बने हैं। वे सिवान जिले के रहने वाले हैं। वर्तमान में, एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी गांधीनगर में साउथ वेस्टर्न एयर कमांड के कमांडर हैं। वे एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धारकर की जगह ली है।

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ (उप प्रमुख) के रूप में कार्यभार संभाला । कारगिल युद्ध (1999) के दौरान उन्होंने ‘लाइटनिंग’ लेजर डेजिग्नेशन पॉड को ऑपरेशनल करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा उन्होंने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की उड़ान परीक्षणों में वर्ष 2006 से 2009 और फिर 2018-19 के दौरान सक्रिय योगदान दिया। उस समय वह नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) थे और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस दिलाने में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा।

यह भी पढ़ें : केदारनाथ में मुख्य सेवक भंडारा में मुख्यमंत्री ने किया श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित

वर्ष 2013 से 2016 तक वे फ्रांस के पेरिस में भारत के एयर अताशे के रूप में नियुक्त रहे। इसके बाद उन्होंने वायुसेना मुख्यालय (वायु भवन) में डिप्टी चीफ ऑफ द एयर स्टाफ का दायित्व भी संभाला। उप प्रमुख बनने से पहले वे दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे। एयर मार्शल तिवारी के पास 3,600 घंटे से ज्यादा का उड़ान अनुभव है और वे एक कुशल फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट हैं। उन्होंने अमेरिका के एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से भी शिक्षा प्राप्त की है। वायुसेना के टेस्ट पायलट स्कूल और वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में उन्होंने डाइरेक्टिंग स्टाफ के रूप में भी सेवा दी है। उनके पास अनेक हथियार प्रणालियों के परीक्षण और संचालन का भी लंबा अनुभव है।

एयर मार्शल तिवारी ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज से पूरी की

एयर मार्शल तिवारी ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज से पूरी की और फिर खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से प्रशिक्षण लिया। वह जून 1985 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के राष्ट्रपति स्वर्ण पदक विजेता रहे और 7 जून 1986 को एक फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें कई महत्वपूर्ण सैन्य सम्मान प्राप्त हुए हैं-वर्ष 2025 में परम विशिष्ट सेवा मेडल, वर्ष 2022 में अति विशिष्ट सेवा मेडल और वर्ष 2008 में वायु सेना मेडल से नवाजा गया। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी वायुसेना में एक कुशल अधिकारी माने जाते हैं। उन्हें रणनीतिक सोच रखने वाला भी माना जाता है। सिवान के एक वरिष्ठ वकील इष्टदेव तिवारी के चचेरे भाई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना प्रमुखों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए खुली छूट दी। इसका मतलब है कि सेना अब अपनी रणनीति के अनुसार कार्रवाई कर सकती है। नर्मदेश्वर तिवारी की नियुक्ति से वायुसेना को और मजबूती मिलेगी।

यह भी पढ़ें : श्रृद्धालु यात्रा के दौरान सरकार की गाइड लाइन का करें पालन : महाराज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नेपाल-उत्तराखण्ड के मध्य कृषि सहयोग को लेकर देहरादून में हुई महत्वपूर्ण बैठक

नेपाल-उत्तराखण्ड के मध्य कृषि सहयोग को लेकर देहरादून में हुई महत्वपूर्ण बैठक कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सुदूरपश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री का किया स्वागत उत्तराखण्ड पहुचे सुदूरपश्चिम प्रांत (नेपाल) के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह ने कहा, भारत और नेपाल के […]
jo

यह भी पढ़े