पौड़ी/मुख्यधारा
जब दुनिया साल 2020 में कोरोना महामारी और लॉकडाउन की मार झेल रही थी, तब पौड़ी गढ़वाल के आदर्श ग्राम पंचायत धनाऊ मल्ला में खेती को लेकर एक युवा बड़े सपनों के साथ एक नया प्रयोग करने में जुटा हुआ था। तब उनके प्रयासों को इतनी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था, किंतु उनकी इसके पीछे उनकी दृढ़ सोच थी और यह प्रयोग इतना खास और अनोखा था कि आसपास के गांवों के सभी किसानों को इसे जानना व समझाना बहुत आवश्यक था। इस महत्वपूर्ण जानकारी को प्रत्येक किसान भाईयों तक पहुंचाने के लिए इस युवक ने मीडिया के माध्यम से भी प्रयास किया, जिसमें उन्हें सफलता प्राप्त हुई।
दरअसल, जिस युवा की यहां बात की जा रही है, वह कोई और नहीं, बल्कि पौड़ी प्रधान संगठन के अध्यक्ष कमल रावत हैैं। उन्होंने अपनी क्षेत्रवासियों की समस्याओं को बड़े करीब से न सिर्फ देखा है, बल्कि उसे महसूस भी किया है। यही कारण है कि उन्होंने अपने क्षेत्रवासियों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया हैै।
कमल रावत कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रायः परंपरागत खेती को ज्यादा तवज्जो दी जाती है, किंतु परंपरागत की जगह हम आधुनिक व जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाएं तो कुछ ही समय में प्रत्येक परिवार आर्थिक रूप से सक्षम हो जाएगा।
कमल बताते हैं कि आप सभी विदित ही हैं कि संपूर्ण उत्तराखंड पलायन की कड़ी मार झेल रहा है। जिसमें प्रदेश के तेरह जिलों में से पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा जनपद पर इसका असर सर्वाधिक पड़ा है। पलायन की समस्या को रोकने के लिए ही उन्होंने अपने गांव से ही नई शुरुआत करने की ठानी। लॉकडाउन के प्रथम चरण में अनेक राज्यों से प्रवासी भाई गांव लौटे थे। उन्होंने इसे सही समय मानते हुए शुरुआत करने ठानी और नौजवान युवाओं व महिलाओं की मदद से मात्र 20 दिनों में वर्षों से बंजर पड़ी जमीन का एक हिस्सा पर काम करना शुरू किया। यह जमीन दो सौ नाली के करीब थी, जिसे उन्होंने खोदकर साफ-सफाई कर तैयार कर दी। अब गांव वालों को लगने लगा कि गांव में कुछ खास होने वाला है। ऐसे में उनके साथ और लोग जुड़ते चले गए।
सर्वप्रथम कमल रावत के नेतृत्व में गांव लौटे प्रवासियों ने बेशकीमती औषधीय खेती की ओर आगे बढ़ना शुरू किया। जिसमें 500 किलो कच्ची हल्दी का रोपण किया गया। साथ ही खेतों में रोजमैरी, डैडीलियोन, लहसुन, तुलसी पुदीना जैसे बेशकीमती औषधियों पर भी काम किया। पहला चरण सफल रहने के बाद युवा वर्ग सहित सभी ग्रामीण काफी उत्साहित हैं। कमल रावत कहते हैं कि मात्र खेती करने से हमारा मिशन सफल तब तक अधूरा है, जब तक क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त न बनाया जाए। यही कारण रहा कि महिलाओं के उत्थान के उद्देश्य से उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। पहले चरण में महिला समूह को 40,000 हजार, नर्सरी पौधे हेतु बीज दिया जाएगा। इस मिशन को आने वाले समय में अन्य विकासखंडों तक भी पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा। यह कार्य अगले वर्ष जुलाई तक पूरा कर दिया जाएगा।
कमल रावत कहते हैं कि क्षेत्रवासियों के प्रयासों से मूलतः धनाऊ गांव औषधि क्षेत्र में आने वाले समय में अग्रणी भूमिका निभाएगा, जिसके लिए आज से ही सभी लोग युद्धस्तर पर जुट गए हैं। अब ताजे व ऑर्गेनिक की जरूरत का 90 प्रतिशत हिस्सा बाहरी क्षेत्रों के लिए निर्यात करेगा।
बहरहाल, आज प्रदेश को ऐसे ही जागरूक व अपने क्षेत्र के लिए कुछ अलग करने वाले जनप्रतिनिधियों की जरूरत है। ऐसे ही प्रतिनिधि कमल रावत भी हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्रवासियों को आर्थिक रूप संपन्न बनाने का संकल्प लिया है। जाहिर है कि आने वाले समय में ग्रामीणों को लेकर बुना गया पौड़ी प्रधान संगठन के अध्यक्ष कमल रावत का सपना जरूर एक दिन सफल होगा और क्षेत्र में खुशियाली आएगी। ऐसे दृढ़ संकल्पी युवक को मुख्यधारा टीम की ओर से ढेरों शुभकामनाएं।
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