केंद्रीय बजट (Budget) ने उत्तराखंड की उम्मीद पर फेरा पानी : गरिमा दसौनी - Mukhyadhara

केंद्रीय बजट (Budget) ने उत्तराखंड की उम्मीद पर फेरा पानी : गरिमा दसौनी

admin
Screenshot 20240723 182332 WhatsApp

केंद्रीय बजट (Budget) ने उत्तराखंड की उम्मीद पर फेरा पानी : गरिमा दसौनी

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड केंद्रीय बजट (Budget) से एक बार फिर नाउम्मीद हो गया, यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का।

दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की जनता बेसब्री से टकटकी लगाकर केंद्रीय बजट का इंतजार कर रहा थी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक सभाओं से लगातार उत्तराखंड से पुराना नाता होने की बात कही है, कभी केदार बाबा ने बुलाया है तो कभी गंगा मां ने बुलाया है, प्रधानमंत्री की इन बातों से उत्तराखंड की भावुक जनता इतना प्रभावित हुई कि उसने लोकसभा ही नहीं अपितु विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत के साथ जिताया।

उत्तराखंड को उम्मीद थी कि उसे ग्रीन बोनस मिलेगा या विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा या औद्योगिक पैकेज मिलेगा। यह भी उम्मीद थी की भौगोलिक विषमताओं वाले प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर का भूस्खलन और भू धंसाव पर रिसर्च करने के लिए शोध संस्थान मिलेगा, जमरानी बांध की तरह सॉन्ग नदी पर बांध को भी कोई धनराशि आवंटित की जाएगी, कई रेलवे प्रोजेक्ट्स की मांग उत्तराखंड काफी समय से कर रहा है उस पर कोई हरी झंडी मिलेगी, सुरसा का रूप ले चुकी महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए केंद्रीय बजट में कोई रोड मैप होगा? नोटबंदी, जीएसटी और कोरोना के चलते जो मुश्किलें मध्ययम एवं लघु उद्योगों को झेलनी पड़ रही है उनको पुनर्जीवित करने के लिए कोई नीतियां बनाई जाएगी? एससी एसटी कंटीन्जेंसीज के लिए हर सरकार के बजट में पैसा रखा जाता था, परंतु मोदी के तीसरे कार्यकाल में वह भी नदारद दिखा।

कहीं मनरेगा का जिक्र तक नहीं हुआ? शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि जनकल्याण, आदिवासी इत्यादि के लिए बजट आवंटन में कटौती की गई।

दसोनी ने कहा कि 2014 के बाद देश में एक लाख किसान आत्महत्या कर चुका है, परंतु 2014 से पहले किसानों को राहत देने के लिए डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में किसानों का 72,000 करोड़ रूपया माफ किया गया, लेकिन मोदी सरकार में पूंजीपतियों का 16 लाख करोड़ तो माफ किया जा सकता है लेकिन किसानों का ऋण माफ नहीं किया जा सका?

दसौनी ने कहा कि आए दिन रेल दुर्घटनाएं हो रही हैं परंतु उसका जिक्र तक बजट के दौरान नहीं किया गया। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को खुश करते-करते मोदी सरकार यह भूल गई कि देश में 26 अन्य राज्य भी हैं, जो समस्याओं से जूझ रहे हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के न्याय पत्र में युवाओं के लिए ग्रेजुएशन के बाद 1 साल की अप्रेंटिसशिप की जो योजना थी, उसको इंटर्नशिप के नाम से बजट में शामिल किया गया, जिसके लिए कांग्रेस को धन्यवाद किया जाना चाहिए।

कुल मिलाकर निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट “कुर्सी बचाओ” और “कट कॉपी पेस्ट” बजट बन कर रह गया।

Next Post

Budget: विकसित भारत, स्वर्णिम भारत का यह सर्वस्पर्शी बजट : गणेश जोशी

विकसित भारत, स्वर्णिम भारत का यह सर्वस्पर्शी बजट : गणेश जोशी पीएमजीएसवाई के चौथे चरण में उत्तराखंड में होगा 474 नए सड़कों का निर्माण सूबे के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री […]
IMG 20240723 WA0044

यह भी पढ़े