मुख्यधारा/देहरादून
विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार मिली हार से उत्तराखंड कांग्रेस (congress uttarakhand) अभी संभल नहीं पाई है। इस बार कांग्रेस ने 19 सीटें जीती हैं। जिनमें से नेता प्रतिपक्ष का चयन किया जाना है। हालांकि इसका फैसला भी पार्टी हाईकमान द्वारा ही फाइनल होना है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के इस्तीफा देने के बाद पार्टी के लिए प्रदेश अध्यक्ष का चयन करना भी बड़ी चुनौती है।
मंगलवार 29 मार्च 2022 से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष इन दिनों अहम भूमिका में रहते हैं। हालांकि इस संबंध में प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी कहते हैं कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि सत्र से पूर्व नेता प्रतिपक्ष का चयन करना जरूरी है। जोशी की बात इस ओर संकेत करती है कि फिलहाल नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस (congress uttarakhand) फैसला नहीं ले पा रही है।
उधर चकराता से विधायक एवं निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष (congress uttarakhand) पद पर नियुक्ति को लेकर हाईकमान द्वारा फैसला लिया जाना है, जिसका सभी को इंतजार है। वहां से जो भी फैसला आता है, सभी कांग्रेसजनों को वह मंजर है।
बताते चलें कि कांग्रेस (congress uttarakhand) को विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बीते 15 मार्च 2022 को गणेश गोदियाल ने प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही पूरी कार्यकारिणी भी स्वाभाविक रूप से निष्प्रभावी हो गई। इस प्रकार पार्टी संगठन के बीच नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर माथापच्ची चल रही है और प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए विभिन्न गुटों द्वारा खींचतान चल रही है।
हरीश धामी भी नेता प्रतिपक्ष के फार्मेट पर फिट
इधर कांग्रेस (congress uttarakhand) में युवाओं को मौका देने की बात जोर पकड़ रही है। इसी कड़ी में धारचूला से कद्दावर विधायक हरीश धामी ने नेता प्रतिपक्ष की दावेदारी करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तरह ही अब कांग्रेस में भी युवाओं को आगे आना होगा। वे नेता प्रतिपक्ष के सभी मानक पूरा करते हैं। बताते चलें कि हरीश धामी लगातार तीन बार से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2012, 2017 व 2022 में जीत दर्ज की है। वे अब सीनियर विधायकों की श्रेणी में शामिल हो चुके हैं।
हालांकि नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में प्रीतम सिंह व यशपाल आर्य की मजबूत दावेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि कांग्रेस हाईकमान नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष जैसे अहम पद पर प्रदेश के किस नेता की ताजपोशी करता है!