नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
यमुना घाटी के टौंस वनप्रभाग में पिछले एक माह से धूं-धू कर जल रहे जंगलों की आग (fire) बुझाने में वन कर्मी जान जोखिम में डाल वनाग्नि को नियंत्रित करने में जुटे हैं। वहीं उप वन संरक्षक सुबोध काला आग बुझाने में लगे वन कर्मियों की हौसला-अफजाई के साथ ग्रामीणों से आग न लगाने की अपील कर रहे हैं।
उत्तराखंड सहित यमुनाघाटी में गत 3 महीने से बारिश न होने से सूखे के हालात पैदा हो गये हैं। सूखे से जहां एक ओर किसानों की नगदी फसलों के बर्बाद होने से आजीविका संकट खड़ा हो गया है, वहीं दूसरी ओर जंगलों की आग (fire) ने मवेशियों के चारे पत्ती की समस्या खड़ी कर दोहरी चुनौती पैदा कर दी है।
सूखे की मार की वजह से टौंस वन प्रभाग पुरोला की 20.60 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग (fire) से जल चुके हैं। हालांकि वन विभाग की टीमें आग पर काबू पाने को जान जोखिम में डाल कर जीतोड़ कोशिश में जुटे हैं।
डीएफओ सुबोध कुमार काला एक तरफ आग (fire) बुझाने के कार्य में लगे वन कर्मियों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं, वहीं ग्रामीणों से जंगलों में आग न लगाने की अपील भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वन राष्ट्र की सबसे बड़ी संपदा है, इन्हीं से जीवन पनपता है। पशुओं को चारापत्ती सहित जंगलों से जीवन को ताजी हवा व ऑक्सीजन मिलती है। इनकी रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है।
आग (fire) बुझाने में मौके पर मौजूद वन दारोगा मायाराम सिंह नेगी व धीरपाल सिंह बर्तवाल ने कहा कि बढ़ती गर्मी व लंबे समय से सूखे के चलते वनाग्नि नियंत्रण में भारी दिक्कतें हो रही हैं, जबकि हम सभी वनकर्मी उपलब्ध संसाधनों से वनाग्नि नियंत्रण में लगातार जान जोखिम में डाल जुटे हुए हैं। कई जगहों पर आग में काबू पा लिया गया है।
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