अंतर्राज्यीय मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन की अनुमति नहीं
देहरादून। 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के मद्देनजर उत्तराखंड के ऑरेंज जोन एवं ग्रीन जोन में विभाजित जनपदों में सार्वजनिक परिवहन संचालन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में सचिव शैलेश बगौली ने परिवहन विभाग दिशा-निर्देश भेज दिए हैं। अब शर्तों के साथ सड़कों पर ई रिक्शा टेंपो टैक्सी सिटी बस दौड़ती हुई नजर आएंगी।
गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आगामी 31 मई तक के लिए लॉकडाउन जारी रखा गया है, लेकिन उत्तराखंड में लोगों की आवाजाही के लिए परिवहन संचालन की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसी को देखते हुए सचिव शैलेष बगौली ने ऑरेंज और ग्रीन जोन में विभाजित जनपदों में सार्वजनिक परिवहन के संचालन को लेकर (मानक प्रचालन कार्यविधि) एसओपी का निर्धारण के निर्देश दिए हैं।
सार्वजनिक परिवहन के संचालन के संबंध में एसओपी के निर्धारण के तहत अब अंतर्राज्यीय मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन प्रतिबंधित रहेगा। अब विशेष परिस्थितियों में ही राज्य के नोडल अधिकारी एवं मंडल आयुक्त तथा जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अनुमति दी जा सकेगी। यही नहीं राज्य के ऑरेंज एवं ग्रीन जोन में विभाजित जनपदों में राज्य के भीतर एवं अनुमति मिलने पर अंतर्राज्यीय मार्गों पर सीट की क्षमता के हिसाब से सार्वजनिक परिवहन संचालित हो सकेंगे। वह इस प्रकार से होंगे:-
इतनी सवारियों को बैठने की परमिशन
ई रिक्शा में चालक सहित तीन लोगों को ही बैठने की अनुमति मिलेगी। ऑटो रिक्शा में चालक सहित दो लोग बैठ सकेंगे। विक्रम में चालक सहित चार लोगों को बैठने की अनुमति मिलेगी। टैक्सी कैब में चालक सहित तीन लोगों को बैठ सकेंगे। मैक्सी कैब में चालक सहित चार लोग बैठ पाएंगे। इसके अलावा बस एवं छोटी बसों में कुल सीटों की आधी सवारियों को ही बैठाया जाएगा, जबकि इस दौरान बसों में खड़े होकर यात्रा नहीं की जा सकेगी।
अनिवार्य रूप से करना होगा सैनिटाइजेशन
इस दौरान सभी वाहन स्वामियों वाहन चालकों एवं यात्रियों द्वारा उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा अंतर्राज्यीय एवं अंर्तजनपदीय आवागमन के लिए निर्गत किए गए मानक प्रचालन दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाना है। प्रत्येक यात्रा शुरू होने से पहले एवं यात्रा खत्म होने के बाद वाहनों का सैनिटाइजेशन किया जाएगा। जिसमें वाहन का प्रवेश द्वार, हैंडल, रेलिंग, स्टेरिंग, गियर, लीवर आदि का सैनिटाइज किया जाएगा। वाहनों के चालक परिचालकों द्वारा फेस मास्क और ग्लव्स का प्रयोग भी अनिवार्य रूप से किया जाना है। वाहन के माध्यम से अन्य प्रदेशों से आने वाले सभी प्रवासी एवं यात्री की राज्य की सीमा में प्रवेश करने के बाद एक जनपद से दूसरे जनपद में आने जाने वाले प्रत्येक प्रवासी एवं यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा विशेष ध्यान
इसके अलावा वाहन सैनिटाइजेशन किए जाने हैं। वाहन चालक परिचालक एवं यात्रियों द्वारा इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
सभी यात्रियों को करना होगा आरोग्य सेतु एप डाउनलोड
यही नहीं इन दिशा-निर्देशों में एक बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है क वाहन चालक परिचालक एवं यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को अपने मोबाइल नंबरों पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करके उसका उपयोग करना होगा। वाहन में यात्रा करने वाले प्रत्येक यात्री मास्क का उपयोग करेंगे। इस दौरान तंबाकू गुटखा या शराब का सेवन प्रतिबंध होगा।
वाहन में थूकना दंडनीय अपराध
इसके अलावा वाहन में थूकना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
कोविड-19 के लक्षण दिखने पर नजदीक थाने को करनी होगी रिपोर्ट
किसी भी यात्री में भी कोविड 19 के लक्षण दिखाई देने पर वाहन चालक परिचालकों द्वारा उसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाने या स्वास्थ्य केंद्र को उपलब्ध करानी होगी। यात्रा के दौरान वाहन को निर्धारित स्टॉपेज पर ही रोकना होगा।
निर्धारित समय कम पड़े तो लेना होगा सक्षम अधिकारी से पास
लॉकडाउन सार्वजनिक सेवा यान का संचालन संबंधित जोन हेतु अधिकृत समय के भीतर ही किया जाएगा। यदि किसी वाहन विशेष को छूट के लिए निर्धारित समय के अलावा वाहन चलाने के लिए समय की कमी हो रही हो तो इसके लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी। जनपद एवं राज्य से बाहर यात्रा करने की स्थिति में सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत अनुमति पत्र व पास वाहन में रखना जरूरी होगा।
हालांकि सभी बस ऑटो यूनियन वाहन संचालन न करने की बात कह रहे हैं उनका तर्क है कि 50 फ़ीसदी सवारी ले जाने पर उनका आर्थिक नुकसान हो जाएगा ऐसे में किराया दोगुना किया जाए।