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सवाल : कोठी गाड रेंज (Kothi Gad range) में दर्जनों देवदार व कैल वृक्षों के अवैध पातन का जिम्मेदार कौन!

admin
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सवाल : कोठी गाड रेंज (Kothi Gad range) में दर्जनों देवदार व कैल वृक्षों के अवैध पातन का जिम्मेदार कौन!

  • वन निगम की लॉट की आड़ में एक ही कक्ष में कटे मिले दर्जनों देवदार व कैल के वृक्ष
  • शुरूआती जांच में खुलासा, आंद्री गाड कक्ष में 30 देवदार कैल के वृक्षों का मिला अवैध पातन
  • कोठीगाड (Kothi Gad range) के साथ ही सांद्रा एवं देवता रेंज में शिकायत
  • अवैध पातन प्रकरण में अभी जांच शुरुआती दौर में
  • कोठीगाड रेंज (Kothi Gad range) के एक कक्ष में 600 वृक्षों के लाट की आड़ में कटे अवैध रूप से तीन दर्जन देवदार व कैल के पेड़
नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
टौंस वन प्रभाग के कोठी गाड रेंज (Kothi Gad range) के चींवा वीट आंद्री खड में देवदार व कैल वृक्षों के अवैध पातन को लेकर जांच के शुरुआती दौर में वन निगम लाटों की आड़ में सैकड़ों पेड़ों के कटने की परतें खुलने लगी है।
शुरुआती दौर में जहां चींवा जंगल के आंद्री कक्ष में 30 देवदार व कैल वृक्षों का अवैध पातन होना जांच में पाया गया, वहीं रेंज के अन्य वीटों व कक्षों में अवैध पातन के हकीकत का अंदाजा आगे की जांच से खुलासा होने पर लगाया जा सकता है। साथ ही सांद्रा एवं देवता रेंज में भी वन निगम के लोटों की आड़ में अवैध पातन की परतें भी अब खुलने लगी हैं।
सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद टौंस वन प्रभाग पुरोला के उप प्रभागीय वनाधिकारी विजय सैनी के नेतृत्व में बीते गुरुवार को मामले में चींवा आंद्री कक्ष पंहुची। जांच टीम तब आश्चर्य में पड़ गई, जब एक ही कक्ष में वन निगम को स्वीकृत 6 सौ पेड़ों के लाट की आड़ में जांच के शुरुआती दौर में ही लगभग 30 पेड़ कैल-देवदार का अवैध रूप से पातन होना पाया गया, जबकि अभी आधा दर्जन कक्षों में जांच होनी शेष है।
जांच अधिकारी उप प्रभागीय वनाधिकारी विजय सैनी ने बताया कि मुख्यमंत्री के शिकायत पोर्टल के अनुसार टौंस वन प्रभाग के कोठीगाड रेंज के चींवा वीट आंद्री कक्ष अवैध पाटन को लेकर गठित जाम टीम ने गुरुवार को मौके पर आंद्री खड एक कक्ष का निरीक्षण किया व वन निगम को विदोहन के लिए 600 पेड़ों की स्वीकृति दी गई थी, किंतु 30 पेड़ देवदार कैल के शुरुआती जांच में अवैध पातन के पाए गए हैं। अभी जांच शुरुआती दौर में है।
शिकायत के तहत कोठीगाड के अलावा सांद्रा व देवता रेंज में भी जल्द ही जांच शुरू  की जाएगी, ताकि अवैध पातन की स्थिति स्पष्ट हो सके व आरोपितों तथा कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
बहरहाल, अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आखिर विभागीय जांच में कितना गडबड़झाला सामने आता है और फिर ऐसी मनमानी करने वालों के खिलाफ संबंधित विभाग क्या कार्रवाई करता है!
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