फूड स्ट्रीट : आज से दिल्ली के भारत मंडपम में 'वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्टिवल' का शुरू होगा आयोजन, अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का मिलेगा स्वाद - Mukhyadhara

फूड स्ट्रीट : आज से दिल्ली के भारत मंडपम में ‘वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्टिवल’ का शुरू होगा आयोजन, अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का मिलेगा स्वाद

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फूड स्ट्रीट : आज से दिल्ली के भारत मंडपम में ‘वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्टिवल’ का शुरू होगा आयोजन, अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का मिलेगा स्वाद

दिल्ली/मुख्यधारा

आज से राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्टिवल का आयोजन शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में ‘वर्ल्‍ड फूड इंडिया 2023’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। वह इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में ‘फूड स्ट्रीट’ का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी। पीएमओ ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों के लिए बीज पूंजी सहायता वितरित करेंगे। तीन दिन के इस कार्यक्रम का आयोजन खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय कर रहा है।

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इस आयोजन का उद्देश्य भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी’ के रूप में प्रदर्शित करना और 2023 को मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाना है। पीएमओ ने कहा भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम से स्वयं सहायता समूहों को बेहतर पैकेजिंग और गुणवत्ता विनिर्माण के माध्यम से बाजार में बेहतर मूल्य हासिल करने में मदद मिलेगी।

इसका समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। इसमें 80 से ज्यादा देशों के 1200 से ज्यादा लोग शामिल होंगे।

वर्ल्ड फूड फेस्टिवल में संचारी और गैर संचारी दोनों तरह के रोगों से खुद को बचाने के लिए आयुष आहार भी दिखाया जाएगा। इसमें चेन्नई के पंचमुत्ती दलिया से लेकर दिल्ली के रागी से बने रग्गी लड्डू और जयपुर के त्रिफला जैम तक का स्वाद चखने को मिलेगा।

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बता दें कि इस फेस्टिवल में केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से देश के सभी आयुष शोध संस्थान और स्टार्टअप भी भाग लेंगे। बता दें कि ये फूड फेस्टिवल 3 से 5 नवंबर के बीच चलेगा। सरकार लगातार दूसरे वर्ष विश्व खाद्य इंडिया महोत्सव का आयोजन कर रही है।

बता दें कि फूड इंडिया फेस्टिवल के दौरान देश के अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा। इस वैश्विक समारोह का मकसद भारत के पारंपरिक खाद्यान्नों को दुनिया के सामने लाना और पहचान दिलाना है। जिसके सेवन से स्वस्थ जीवन का आनंद लिया जा सकता है। जैसे भारत सरकार ने योग को दुनियाभर में पहचान दिलाई है उसी तरह से भारतीय खाद्यानों को भी इस फेस्टिवल के जरिए पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है।

केंद्रीय आयुष मंत्रालय का कहना है कि इस उत्सव को खास बनाने के लिए चैन्ने के सीसीआरएस ने पंचमुत्ती दलिया, हिबिस्कस जैम, हिबिस्कस जलसेक चाय, सफेद ज्वार की गेंदें, ओक फर्न कंद सूप, फिंगर मिलेट बॉल, हलीम नाचोस और भृंगराज कन्फेक्शनरी की पेशकश की है।

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इनके अलावा दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के डॉक्टरों ने रग्गी लड्डू, मुदगयुषा और यवडी रोटिका प्रीमिक्स, जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की ओर से रग्गी कुकीज (रग्गी बाजरा के आटे से समृद्ध), एनर्जी बूस्टर (भुनी हुई जौ के साथ), त्रिफला जैम शामिल किया है।

मंत्रालय का कहना है कि आयुष का मतलब सिर्फ घरेलु नुस्खे नहीं बल्कि बीमारी की रोकथाम से लेकर निदान, उपचार और मरीज के आगामी गुणवत्ता युक्त जीवन से जुड़ा है।

वर्ल्‍ड फूड इंडिया का पहला संस्करण 2017 में आयोजित हुआ था। इसमें 918 किलो की खिचड़ी बनाई गई थी। इस दौरान सबसे ज्यादा खिचड़ी बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था।

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