शंभू नाथ गौतम
हमारे देश में कई ऐसे राज्य हैं, जिनकी कमाई का मुख्य आए पर्यटन उद्योग है। इसके साथ पर्यटन (world tourism day) से ही लाखों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है। अगर हम देश में बात करें तो उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, गोवा, सिक्किम आदि ऐसे प्रदेश हैं जो पर्यटन उद्योग पर ही निर्भर माने जाते हैं। यूरोप के अधिकांश देशों में पर्यटन स्थल सैलानियों से फल फूल रहे हैं।
वहीं भारत के पड़ोसी देश नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव्स के साथ थाईलैंड भी पूरे साल पर्यटकों से गुलजार रहता है। हम यह चर्चा इसलिए कर रहे हैं कि आज ‘विश्व पर्यटन दिवस’ (वर्ल्ड टूरिस्ट डे) (world tourism day) है। इन राज्यों में यह दिवस एक ‘त्योहार’ की तरह मनाया जाता है। साल 2020-21 में देश में कोरोना महामारी की वजह से पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित रहा था।
देश में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में खूबसूरत वादियों के साथ धार्मिक स्थल सैलानियों के साथ श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इन दोनों राज्यों में पूरे साल पर्यटकों की आवाजाही रहती है। भारत एक ऐसा देश है जहां आपको खूबसूरत बीच देखने को मिलेंगे तो वहीं रेगिस्तान भी देखने को मिलेगा। यहां खूबसूरत गर्म पहाड़ हैं तो वहीं बर्फीली चादर ओढ़े आकर्षक माउंटेन हैं। यहां के पर्यटन स्थल घूमने के लिए दुनियाभर से कई पर्यटक आते हैं। भारतीय पर्यटन से लोगों को रोजगार भी मिलता है तो वहीं देश की जीडीपी में बढ़ोतरी भी होती है।
इसके अलावा पर्यटन दिवस(world tourism day) के जरिए देश विदेश तक भारत की ऐतिहासिकता, खूबसूरती, नेचुरल खूबसूरती का प्रचार प्रसार भी होता रहता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं जो यात्रियों को अपनी और आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि पर्यटन दिवस के जरिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इस बार गणतंत्र दिवस की थीम ‘टूरिज्म रीथिंकिंग’ यानी पर्यटन पर पुनर्विचार गई है। यह इस पर पुनर्विचार है कि पर्यटन क्षेत्र कैसे अधिक टिकाऊ, समावेशी और लचीला हो सकता है।
साल 1970 से विश्व पर्यटन दिवस (world tourism day) मनाने की हुई थी शुरुआत
विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का इतिहास बेहद महत्वपूर्ण है। विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत साल 1970 में विश्व पर्यटन संस्था द्वारा की गई थी। इसके बाद 27 सितंबर 1980 को पहली बार विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया और तब से हर साल 27 सितंबर के दिन ही विश्व पर्यटन दिवस को मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य टूरिज्म (world tourism day) के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्य प्रदान किए जा सकें। हर साल अलग-अलग थीम के साथ इस दिन को मनाया जाता है।
इसके साथ पर्यटन क्षेत्र लाखों लोगों को देश में रोजगार भी दे रहा है। देश के तमाम विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पर्यटन से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा और डिग्री भी दिए जाते हैं।
पर्यटन के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो सबसे सही तरीका है आप किसी भी विषय से बारहवीं करने के बाद ट्रेवल एवं टूरिज्म से संबंधित कोर्स में प्रवेश ले लें। इस विषय में डिप्लोमा, डिग्री से लेकर मास्टर कोर्स तक उपलब्ध हैं। बारहवीं के बाद आपके पास टूरिज्म एंड ट्रेवल में बीबीए, एयरलाइन टिकटिंग एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में बीएससी, बैचलर इन टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन, बैचलर इन टूरिज्म स्टडीज आदि में प्रवेश लेने का विकल्प होगा।
पर्यटन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट में एडवांस डिप्लोमा, डेस्टिनेशन मैनेजमेंट में डिप्लोमा, डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन ट्रेवल एंड टूरिज्म एवं पीजी डिप्लोमा इन ट्रेवल एंड टूरिज्म भी आधार बन सकते हैं।
इसके अलावा टूरिज्म स्टडीज, ट्रेवल एंड टूरिज्म सर्टिफिकेट कोर्स एवं बेसिक कोर्स इन टूर ऑपरेशन मैनेजमेंट आदि के माध्यम से इस क्षेत्र में दाखिल हो सकते हैं।
ग्रेजुएशन के बाद मास्टर इन ट्रेवल एडमिनिस्ट्रेशन, मास्टर ऑफ टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन, टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट में एमबीए कर लेने के बाद आप इस करियर में आगे बढ़ने के सबसे बेहतरीन मौके हासिल कर सकते हैं। अपनी ट्रेवल एजेंसी या होमस्टे आदि भी शुरू कर सकते हैं।
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