देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड का लाल देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जनपद के द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण(बिरमोली) गांव के निवासी थे। उनके व उनकी पत्नी के आकस्मिक निधन से प्रदेश भर में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर किसी किसी की आंखें इस दर्दनाक हादसे में अपने लाल को असमय खो देने पर नम हैं, वहीं विपिन रावत जैसे वीर जांबाज पर समूचा उत्तराखंड को गर्व है।
सीडीएस जनरल विपिन रावत को देश ने कुन्नूर हैलीकॉप्टर हादसे में खो दिया है। इस हादसे में उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की जान चली गई।
सीडीएस विपिन रावत द्वारीखाल ब्लॉक के अंतर्गत सैंण (बिरमोली) गांव के निवासी थे, जबकि उनकी पत्नी मधुलिका रावत उत्तरकाशी जिले की रहने वाली थी। बताया गया कि उनका दून में इन दिनों घर बन रहा था। वे थल सेना के अध्यक्ष भी रहे। सेवानिवृत्त होने से एक दिन शेष रहते हुए उन्हें भारतवर्ष का प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने का गौरव हासिल हुआ। इस पद पर वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे थे। दो दिन बाद ही उन्होंने आईएमए देहरादून कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचना था, किंतु नियति को शायद यह मंजूर नहीं था।
जनरल विपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी सेना से लेफ्टिनेंट जनरल पद से रिटायर हुए थे।
- सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया
- जनरल रावत के निधन को बताया देश व प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जरनल रावत के आकस्मिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखण्ड के छोटे से गांव में हुई। वे अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखण्ड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।