- हाकम सिंह (#Hakam Singh) के रिजॉर्ट पर चला बुल्डोजर, प्रशासन ने दी लकड़ी निकालने की छूट
- यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में हाकम मुख्य आरोपियों में है शामिल
- हाकम के बाद क्या हाकिमों पर भी होगी कार्रवाई?
नीरज उत्तराखण्डी/उत्तरकाशी, मुख्यधारा
आखिरकार आज लंबे इंतजार के बाद उत्तरकाशी के चर्चित पूर्व भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह (#Hakam Singh) के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चल ही गया। इस दौरान पुलिस को विरोध का सामना भी करना पड़ा। हालांकि पुलिस बल के आगे उनकी नहीं चल पाई।
बताते चलें कि उत्तरकाशी जनपद के चर्चित पूर्व भाजपा नेता हाकम सिंह (#Hakam Singh) तब चर्चाओं में आया, जब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक प्रकरण उजागर हुआ। इस घपले की जांच कर रही एसआईटी टीम की पकड़ में हाकम सिंह रावत भी आ गया, जो वर्तमान में जेल में बंद है।
इस दौरान हाकम सिंह (#Hakam Singh) का आलीशान रिजॉर्ट भी चर्चाओं में आ गया। हाकम सिंह (#Hakam Singh) द्वारा अपने इसी रिजॉर्ट में कई वीआईपी लोगों के साथ खींची गई तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया एकाउंट में भी समय-समय पर पोस्ट किया गया था, जो इस दौरान काफी वायरल हुई। हालांकि उत्तराखंड सरकार ने यह बात पहले ही स्पष्ट कर दी थी कि अपराधी चाहे आम हो या फिर खास, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसी कड़ी में हाकम सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
तत्पश्चात उसके तहसील मोरी के सांकरी में सिदरी गांव में स्थित रिजॉर्ट को ध्वस्त करवाने के लिए प्रदेशभर से मांग उठ रही थी। यह मांग तब और तेज हो गई, जब पिछले दिनों यमकेश्वर के गंगा भोगपुर में वनतरा रिजॉर्ट चलाने वाले पुलकित आर्य द्वारा अंकिता हत्याकांड को अंजाम दिया गया। इसके बाद बहुत तीव्र गति से पुलकित आर्य के वनतरा रिजॉर्ट में आधी रात को ही बुलडोजर चला दिया गया था। तभी से भाजपा नेता हाकम सिंह के सांकरी स्थित रिजॉर्ट पर भी बुलडोजर चलाने की मांग बढ़ गई थी।
बताते चलें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी माने जाने वाले जखोल (उत्तरकाशी) वार्ड से जिला पंचायत सदस्य भाजपा नेता हाकम सिंह (#Hakam Singh) के पार्क प्रशासन की भूमि पर बने रिजॉर्ट के ढांचे पर आज बुलडोजर चल गया है।
राजस्व व पार्क प्रशासन ने रिजॉर्ट पर लगी खिड़की, दरवाजे, छत, फर्नीचर व लकड़ी की नक्कशीदार खंबे सहित अन्य सामान ध्वस्त करने से पहले परिजनों व स्थानीय लोगों को निकालने दिया गया। उसके बाद आलीशान रिसोर्ट के ढांचे की मात्रा एक दीवार पर बुलडोजर चला कर गिराना शुरू किया गया, जिससे पार्क प्रशासन वाहवाही बटोर कर इतिश्री करने में जुटा है।
यह भी बताते चलें कि नकल माफिया हाकम सिंह रावत (#Hakam Singh) का रिजॉर्ट पूरी तरह पार्क प्रशासन की मिलीभगत से सांकरी रेंज कार्यलय से महज एक किमी. दूर देवदार की लकड़ी से बनकर तैयार हुआ था। जिसमें नाममात्र का कंक्रीट प्रयोग में लाया गया था। इसे तैयार करने में भी सालों लगे थे और अभी भी कुछ कार्य निर्माणाधीन स्थिति में हैं।
मंगलवार सुबह आज अवैध निर्माण को गिराने के लिए पहुंची जेसीबी मशीनें तब तक इंतजार करती रही, जब तक रिजॉर्ट में लगे देवदार के सभी दरवाजे, खिड़की, छत, नक्काशीदार खंबे व फर्नीचर सहित अन्य कीमती सामान अवैध बने रिसोर्ट से निकाल नहीं लिए गए। अब ध्वस्त करने को मात्र एक ईंट की दीवार और वही जगह बची थी, जिसे निकालने में लोग असमर्थ रहे। अवैध ध्वस्तीकरण मामले में तो यही लग रहा है कि ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’।
इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा इतनी ढील दिए जाने पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। चर्चाओं का बाजार यह भी गर्म है कि पार्क प्रशासन के साथ अन्य विभाग भी हाकम के इस काले कारनामे के साथ जुड़े हुए थे।
सभी दरवाजे, खिड़की, छत व नक्काशीदार खंबे व फर्नीचर सहित अन्य कीमती सामान अवैध बने रिसोर्ट से निकाल ना लिए गए, अब ध्वस्त करने को मात्र एक ईंट की दीवार और वही जगह बची थी जिसे निकालने में लोग असमर्थ रहे। अवैध ध्वस्ति करण मामले में तो यही लग रहा है कि “खोदा पहाड़ निकली चुहिया” इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा इतनी ढील दिए जाने पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। चर्चाओं का बाजार पूरा गर्म है कि पार्क प्रशासन के साथ अन्य विभाग भी हाकम के इस काले कारनामे के साथ जुड़े हुए थे।
हाकम की पत्नी बिसौली देवी ने प्रशासन से रिजाॅर्ट को ध्वस्त न करने की लगाई गुहार
एक बड़ा सवाल : क्या हाकम के बाद हाकिमों पर भी होगी कार्रवाई!
क्या सांकरी व मोरी में IAS, IPS, IFS अधिकारियों सहित सफेदपोश रसूखदारों और हिमाचल तिब्बती मूल के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों से चंद कीमत पर खरीदी गई कुछ नाली नाप भूमि की आड़ में कब्जाई गई सैकड़ों नाली वन, सिविल व राजस्व भूमि पर किए गये अवैध कब्जों पर किया गया विशाल सेब के बगीचों का विस्तार और वन भूमि पर बने उनके आलीशान बंगलों का चिन्हीकर करवाकर वन विभाग राजस्व व जीरो टोलरेंस सरकार उन्हें अवैध कब्जे से मुक्त करवाने और अवैध निर्माण का धवस्तीकण करने का साहस और जोखिम मोल ले सकेगी? या सिलसिला यूं ही चलता रहेगा? या कार्रवाई ढाक के तीन पात साबित होगी? क्या हाकम के बाद हाकिमों पर भी होगी कार्रवाई?