- चुनाव से पहले भाजपा का गुजरात में बड़ा दांव
- उत्तराखंड के बाद भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए लगाई मुहर
मुख्यधारा डेस्क
गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से कुछ दिन पहले राज्य की भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) सरकार ने आज बड़ा दांव खेला है। शनिवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में गुजरात सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता यूसीसी लागू करने के लिए मुहर लगा दी है।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक के दौरान समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
बता दें कि अगले महीने नवंबर की शुरुआत में निर्वाचन आयोग गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। इस हिसाब से भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आज आखिरी बैठक हुई।
इस बैठक में गुजरात की पटेल सरकार ने समान नागरिक संहिता को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसमें तीन से चार सदस्य होंगे।
बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी समान नागरिक संहिता को मंजूरी दे दी है, अब इसे लागू करने की तैयारी कर रही है।
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने ट्वीट किया और बताया कि राज्य में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता की जांच करने और इस कोड के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट/हाई कोर्ट न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
बता दें कि यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम। यानी भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, फिर वह चाहे किसी भी धर्म या जाति का हो। इसके लागू होने पर शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा, जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना अनिवार्य होगा।
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी अपने घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया था। यह ऐसा मुद्दा है, जो हमेशा से चर्चा में रहा है। भाजपा का मानना है कि लैंगिंग समानता तभी आएगी, जब यूनिफार्म सिविल कोड को लागू किया जाएगा।