उत्तराखंड स्थापना दिवस विशेष : 22 साल के सफर में विकास की रफ्तार में तेजी के साथ दौड़ रहा राज्य को अभी भी कई सपने पूरे करने होंगे
शंभू नाथ गौतम
आज 9 नवंबर है। यह तारीख उत्तराखंड के पृथक राज्य बनने के लिए जानी जाती है। आज उत्तराखंड को अस्तित्व में आए पूरे 22 साल हो चुके हैं। उत्तराखंड राज्य पाने के लिए आंदोलनकारियों ने लंबा संघर्ष किया था। लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार 9 नवंबर साल 2000 को उत्तराखंड देश का 27वां राज्य के रूप में भारत गणराज्य में शामिल हुआ था। उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी।
यूपी से अलग होकर उत्तराखंड बना तो 13 जिले शामिल किए गए थे। इन 22 सालों में राज्य ने काफी कुछ पाया लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। उत्तराखंड को जो अब तक नहीं मिला है, वह है नए जिले। अभी तक राज्य में एक भी नया जिला नहीं बनाया जा सका है। हालांकि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी नए जिलों के गठन के संकेत दिए हैं।
ऐसे ही राज्य को गैरसैंण के रूप में ग्रीष्मकालीन राजधानी मिली हो, लेकिन वहां से भी ग्रीष्मकालीन राजधानी के तौर पर काम शुरू नहीं हो सका है।शिक्षा मामले में उत्तराखंड की तस्वीर हाल में केंद्र सरकार के परफार्मेंस इंडेक्स से साफ हो चुकी है। उत्तराखंड शिक्षा के विभिन्न मानकों में महज चार साल में ही 18वें से 34वें स्थान पर पहुंच गया।
उधर, स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार नहीं हुआ है। लोगों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में राज्य के गठन के बाद भाजपा और कांग्रेस ने ही राज किया है। किसी तीसरे विकल्प के लिए कभी कोई गुंजाइश नहीं बनी।
उत्तराखंड की स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड प्रगति करता रहे मैं ऐसी कामना करता हूं।
वहीं देहरादून भाजपा कार्यालय में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सीएम धामी ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और प्रदेश वासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। बता दें कि वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।
उत्तराखंड राज्य में बहुत समृद्ध प्राकृतिक संसाधन हैं जिनमें ग्लेशियर, नदियां, घने जंगल और बर्फ से ढंकी पर्वत चोटियां शामिल हैं। इसमें चार सबसे पवित्र और श्रद्धेय हिंदू मंदिर भी हैं जिन्हें उत्तराखंड के चार धाम के रूप में भी जाना जाता है।
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री राज्य की राजधानी देहरादून है। यह राज्य संस्कृति, जातीयता और धर्म का समामेलन है और भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। उत्तराखंड के सीमावर्ती राज्यों में तिब्बत, नेपाल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
साल 2025 तक धामी सरकार उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रयासरत
स्थापना दिवस पर उत्तराखंड में आज कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून स्थित पुलिस लाइन में परेड का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के तहत 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को 2025 तक देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे। राज्य की सरकार सुरक्षित पर्यटन की ओर लगातार काम कर रही है। इस साल चारधाम यात्रा में भी रिकॉर्ड यात्री आए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने बड़ी घोषणा की उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाएगा।
वहीं उत्तराखंड में जल्द 19000 पदों पर भर्ती होगी। राज्य ने पिछले 22 सालों में तमाम उतार-चढ़ाव और प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है और उसके बावजूद आज राज्य विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उत्तराखंड बनने के बाद सड़कों के विकास में तेजी आई।
केंद्र और राज्य के सहयोग से बनी सड़कों की वजह से यातायात सुगम हुआ। दूरदराज के गांवों तक भी सड़क पहुंची। वर्तमान में तीस हजार किमी सड़कें बन चुकी हैं। केंद्र सरकार के ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट की वजह से चारधाम रूट की सड़कों का कायाकल्प हुआ है। इससे चारधाम यात्रा के साथ स्थानीय लोगों का सफर भी आसान हुआ।
इसके अलावा दिल्ली से दून के लिए बन रहे एक्सप्रेसवे, भारतमाला और पर्वतमाला परियोजना से सड़क तथा रोपवे संपर्क और बेहतर होने जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी 2025 तक राज्य को देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए कमर कस ली है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उनकी सरकार युवाओं के सपनों को किसी भी सूरत मे ध्वस्त नहीं होने देगी और उनकी सरकार ने नौकरियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जन अभियान चलाया है, जिसके तहत कई प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है और नौकरियों में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उनका यह अभियान जारी रहेगा।