देहरादून/मुख्यधारा
(यांत्रिक) नलकूप खण्ड, रुड़की के अधिशासी अभियंता सुरेश पाल (Suresh Pal) को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में सचिव ने आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुसार प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग उत्तराखंड के पत्र (सुरेश पाल), 4 जुलाई 2022 के द्वारा संस्तुति के कम में सुरेश पाल, अधिशासी अभियन्ता (यांत्रिक) नलकूप खण्ड, रूड़की के विरुद्ध उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 के अर्न्तगत पद का दुरुपयोग, खण्डीय कार्यालय के शासकीय कार्यों को राजकीय हित में नियमों का पालन न किये जाने, उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, वित्तीय अधिकारों का दुरुपयोग एवं सत्यनिष्ठा संदिग्ध सम्बन्धी विषयक आरोप हेतु अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित (Contemplated ) है, जिन्हें वृद्ध दण्ड दिया जा सकता है। अतः इंगित अनियमितता के दृष्टिगत श्री पाल को एतद्द्वारा तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
निलम्बन की अवधि में सुरेश पाल, अधिशासी अभियन्ता (यांत्रिक) को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर दय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपातिक समायोजन प्राप्त नहीं था, निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।
उपर्युक्त प्रस्तर-02 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा, जबकि सुरेश पाल, अधिशासी (यांत्रिक) इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं। निलम्बन अवधि में सुरेश पाल प्रमुख अभियन्ता सिचाई विभाग कार्यालय उत्तराखण्ड देहरादून में सम्बद्ध रहेंगे।