Apple iPhone craze: देश में एपल का पहले स्टोर (Apple’s first store) का शुभारंभ, ओपनिंग से पहले ही उमड़ी सैकड़ों लोगों की भीड़
दुनिया की लोकप्रिय आईफोन मोबाइल निर्माता कंपनी एपल ने आज मुंबई में खोला अपना पहला स्टोर, ओपनिंग से पहले ही सैकड़ों लोगों की लगी रही लाइन
मुख्यधारा डेस्क
दुनिया की सबसे लोकप्रिय टेक कंपनी ने आज भारत में अपना एपल का पहला स्टोर खोला। एपल स्टोर खोलने से पहले ही सैकड़ों लोगों की दीवानगी देखने को मिली।
#WATCH | Apple CEO Tim Cook opens the gates to India's first Apple store at Mumbai's Bandra Kurla Complex pic.twitter.com/MCMzspFrvp
— ANI (@ANI) April 18, 2023
एपल का आईफोन खरीदने के लिए भारत ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में लोगों की लाइनें लगी रहती है।
एपल के सीईओ टिम कुक ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में भारत के पहले एपल स्टोर का मंगलवार सुबह 11 बजे उद्घाटन किया। एपल के सीईओ टिम कुक ने स्टोर का दरवाजा खोला और लोगों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। इसके लिए एपल ने जियो वर्ल्ड ड्राइव मॉल के साथ 11 साल का लीज एग्रीमेंट किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के जियो वर्ल्ड ड्राइव मॉल में ये स्टोर बनाया गया है। एपल के अब 25 देशों में कुल 551 स्टोर हो गए हैं। एपल का पहला आधिकारिक स्टोर खुल चुका है।
एपल के सीईओ टिम कुक इसके लिए कल ही भारत पहुंच गए थे और आज उन्होंने भारत में एपल के फ्लैगशिप स्टोर की ग्रैंड ओपनिंग की।
मुंबई के पहले एपल स्टोर की ओपनिंग में सैकड़ों फैंस मौजूद रहे और ये स्टोर 20,000 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। आज 11 बजे से लोग यहां से खरीदारी करने के लिए पहले से ही इंतजार में थे। मुंबई में सुबह 11 बजे खुले इस स्टोर में 100 सदस्यों की टीम के काम करने की खबर है।
बता दें कि इसके बाद एपल अपना अगला स्टोर दिल्ली में खोलेगा और इस स्टोर का उद्घाटन गुरुवार को होगा। मुंबई के एपल स्टोर के उद्घाटन से पहले टिम कुक ने एक ट्वीट भी किया था और कहा था कि वे बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में नए एपल स्टोर में कस्टमर्स का स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि टिम कुक ने सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन से मुलाकात की। टिम कुक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया में उनके बेटे आकाश और बेटी ईशा से भी मिले।
कुक ने बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित नेने से भी मुलाकात की। इस मुलाकात की एक फोटो माधुरी ने ट्विटर पर शेयर की है। इसमें टिम कुक और माधुरी दीक्षित रेस्टोरेंट में वड़ा पाव खाते दिख रहे हैं।
टिम कुक ने फोटो री-ट्वीट कर लिखा, माधुरी दीक्षित मुझे मेरे पहले वड़ा पाव से परिचित कराने के लिए धन्यवाद- यह बहुत स्वादिष्ट था। रिपोर्ट्स के मुताबिक एपल ने भारत में एक लाख से ज्यादा नौकरयां दी हैं। इसकी फैक्ट्रियों में काम करने वालों में 72% महिलाएं हैं। इससे एपल देश में सबसे ज्यादा महिलाओं को नौकरियां देने वाला सिंगल ब्रांड बन गया है। इनमें से भी ज्यादातर 20 महीने में दी गई हैं।
एपल स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम भी चलाता है, जहां 5 दिन की ट्रेनिंग के बाद इन्हें नौकरी मिल जाती है।
साल 1976 में स्टीव जॉब्स ने एपल कंपनी की रखी थी नींव
अमेरिकन कंपनी एपल दुनिया की सबसे शक्तिशाली कंपनियों में से एक है।
एपल आज अपने स्पेशल कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और अन्य गैजेट्स के माध्यम से पूरे विश्व में एक विश्वसनीय ब्रांड बन चुका है। कंपनी अपने ग्राहकों की जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता से कोई समझौता नहीं करती, जिसकी वजह से लोगों का इस पर हमेशा से विश्वास रहा है।
साल 1975 में स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज्नियाक कंप्यूटर बनाने का कार्य कर रहे थे। कंपनी की स्थापना 1 अप्रैल 1976 को की गई। 3 जनवरी को कंपनी का नाम एपल कंप्यूटर इंक कर दिया गया। अमेजन, गूगल और फेसबुक के बाद एपल दुनिया की बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है। एपल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी भी है।
इसके बाद 16 अप्रैल 1977 को वोज्नियाक द्वारा बनाया गया एपल द्वितीय लांच किया गया। जिसके बाद मई 1980 को IBM और Microsoft जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के उद्देश्य से एपल तृतीय को लांच किया गया। 12 दिसंबर 1980 को एपल कंपनी ने अपना आईपीओ लांच किया। जिसकी कीमत $24 प्रति शेयर थी जिसके बाद एपल एक सार्वजनिक कंपनी बन गई। जिसकी वर्तमान में कीमत $220 प्रति शेयर से भी अधिक है। स्टीव जॉब्स की पहचान न सिर्फ एपल के सह-संस्थापक के तौर पर है, बल्कि उन्हें टेक्नोलॉजी की दुनिया का सबसे बड़ा नाम भी माना जाता है।
आज स्टीव जॉब्स अपने आप में एक ब्रांड हैं। साल 1985 में कंपनी के सीईओ जॉन स्कली से विवाद के चलते निदेशक मंडल की बैठक में स्टीव जॉब्स को प्रबंधकीय कार्यों से मुक्त कर दिया गया था, जिसके बाद जॉब्स ने एपल से इस्तीफा दे दिया। हालांकि 12 साल बाद यानी साल 1997 में नुकसान में चल रही एपल कंपनी ने स्टीव जॉब्स को वापस लौटने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कंपनी में लौटते ही विभिन्न परियोजनाओं को रद्द कर दिया और एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसका नाम था ‘थिंक डिफ़्रेंट’ यानी ‘कुछ नया सोचिए’ रखा।
जॉब्स के नेतृत्व में कंपनी में फिर से ग्रोथ करने लगी। साल 2004 में जॉब्स ने कैंसर के चलते सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया और टीम कुक कंपनी के नए सीईओ बनें। आज भले ही जॉब्स इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी एपल कंपनी है दुनिया भर में लोकप्रिय है।