Health: पीडियाट्रिक्स बीमारी के कारण, निवारण व बचाव को लेकर एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) में किया जागरूक
ऋषिकेश/मुख्यधारा
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पीडियाट्रिक्स ओपीडी में आयोजित कार्यक्रम में जनसामान्य को इस बीमारी के कारण, निवारण व बचाव के बाबत जागरूक किया गया।
गौरतलब है कि वर्ष 1993 में विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों और चिकित्सकीय समाज ने अस्थमा रोग पर जनजागरूकता के लिए वैश्विक पहल की थी, जिसके परिणामस्वरूप (GINA) की स्थापना की गई, जिसके तहत 1998 से विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाने लगा।
मंगलवार को पीडियाट्रिक ओपीडी में 2023 की थीम “अस्थमा केयर फॉर ऑल” पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह की देखरेख में विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. नवनीत कुमार भट व डॉक्टर प्रशांत कुमार वर्मा ने बताया कि चूंकि वसंत और पतझड़ के मौसम के बीच वातावरण में एलर्जी के प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि हो जाती है, लिहाजा इस गंभीर बीमारी के प्रति जनसामान्य को जागरूकता के लिए इस दिवस को मई माह के पहले मंगलवार को मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि अस्थमा निचले श्वसन पथ (वोकल कॉर्ड के नीचे) की एक बीमारी है, जिसे ज्यादातर विशिष्ट लक्षणों और संकेतों द्वारा बाल चिकित्सा आयु वर्ग में चिकित्सकीय रूप से पहचाना जा सकता है और चिकित्सकों द्वारा रोगी में फेफड़े के कार्य परीक्षणों व सघन जांच से इसकी पुष्टि जाती है। उन्होंने बताया कि प्रमुख तौर पर खांसी के रूप में श्वसन संबंधी कठिनाइयों की पुनरावृत्ति, सांस लेने में कठिनाई से इस बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
इसके पश्चात समय पर और शीघ्र निदान रोग प्रबंधन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। समग्र प्रबंधन परिणाम चिकित्सा के वैयक्तिकरण और उसके अनुपालन पर निर्भर करते हैं। इस बीमारी में पर्यावरण और जीवन शैली के अलावा आनुवंशिकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासतौर से खराब नियंत्रित और विशिष्ट प्रकार के अस्थमा मामलों में यह बेहद जरूरी है।
अस्थमा रोगियों के लिए एम्स में उपलब्ध सेवाएं
अस्थमा क्लिनिक- प्रत्येक बुधवार दोपहर 2.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक, जिसमें फेफड़ों की कार्यप्रणाली की जांच, सामान्य एलर्जेन परीक्षण, FeNo, एलर्जी विकारों के लिए बुनियादी और अग्रिम परीक्षण व उपचार किया जाता है।
सुपरस्पेशलिटी कोर्स शुरू
एम्स पीडियाट्रिक्स विभाग द्वारा इस वर्ष पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी पर एक सुपरस्पेशलिटी कोर्स भी शुरू किया गया है, साथ ही एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान में एक टीम कार्यरत है, जिसमें बाल रोग विभाग के प्रमुख प्रो. नवनीत कुमार भट, शिशु गहन विशेषज्ञ प्रो. लोकेश तिवारी, अस्थमा विशेषज्ञ अतिरिक्त प्रोफेसर प्रशांत कुमार वर्मा, खुशबू तनेजा आदि लोग शामिल हैं।
इस अवसर पर विभाग के चिकित्सक डॉ. इंद्र कुमार सहरावत, एएनएस श्रीकांत देसाई, नर्सिंग ऑफिसर साक्षी सैनी, शिवांगी सागर, अमित कुमार आदि मौजूद थे।