कर्नाटक चुनाव परिणाम (karnataka election results) लोकसभा चुनावों की दिशा तय करेगा, एग्जिट पोल के बाद भाजपा की बढ़ी चिंता तो कांग्रेस उत्साहित
कल आएंगे नतीजे
मुख्यधारा डेस्क
कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम आने में 1 दिन का समय रह गया है। कर्नाटक में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है।
2 दिन पहले बुधवार को आए एग्जिट पोल के बाद भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। अक्टूबर-नवंबर में हुए हिमाचल चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से हटाते हुए सरकार बनाई थी। जिसके बाद शनिवार, 13 मई को आने वाले कर्नाटक चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेसी उत्साहित है।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कर्नाटक गृह राज्य भी है। कर्नाटक में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो जाहिर है खरगे की पार्टी में पकड़ और मजबूत होगी।
एग्जिट पोल नतीजों में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत के अनुमान जताए गए हैं। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को सबसे ज्यादा 122 से 140 सीटें मिल सकती हैं तो बीजेपी 62 से 80 सीटों पर सिमट सकती है।
वहीं, जेडीएस को 20 से 25 सीटें और अन्य को शून्य से तीन सीटें मिलने का अनुमान एग्जिट पोल में जताया गया है।
जाहिर है कि कर्नाटक के चुनाव नतीजे इस साल होने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के साथ अगले साल लोकसभा चुनाव पर भी असर डालेंगे।
कर्नाटक विधानसभा का चुनाव महज आम ढर्रे पर होने वाला चुनाव नहीं है। इस चुनाव से इतना भर ही पता नहीं चलेगा कि राज्य में अगले पांच साल के लिए किसकी सरकार बनेगी। इस चुनाव की सियासी अहमियत सिर्फ कर्नाटक की राजनीतिक तक सीमित नहीं बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी अहम माने जा रहे हैं।
कर्नाटक के चुनाव नतीजों को 2024 की चुनावी जंग से जोड़कर भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लिहाज से भी कर्नाटक का चुनाव बीजेपी के लिए और महत्वपूर्ण हो जाता है।
एग्जिट पोल के अनुमानों नतीजों में तब्दील हुए तो बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाएगी। कहा जा रहा है कि बीजेपी अगर कर्नाटक चुनाव में हारी तो उसके लिए 2024 चुनाव में अपना टारगेट हासिल करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हो जाएगा।
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बीजेपी अगर चुनाव हारती है तो साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की सीटें कर्नाटक में घट सकती हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 सीटों में से बीजेपी ने 25 और उसके समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस-जेडीएस को एक-एक सीट मिली थी।
कर्नाटक में अगर बीजेपी को मात मिलती है तो पार्टी के लिए सूबे में 2019 के नतीजे दोहरा पाना मुश्किल हो सकता है और कांग्रेस की सीटें बढ़ सकती हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिली तो दक्षिण भारत से उसकी वापसी की शुरुआत हो सकती है। ऐसे में कर्नाटक हारने से बीजेपी के अखिल भारतीय पार्टी होने वाले दावे को भी झटका लग सकता है। बीजेपी अपने दम पर दक्षिण के राज्यों में से सिर्फ कर्नाटक में ही जड़ें जमा सकी है।
कर्नाटक को छोड़ दें तो दक्षिण के किसी भी राज्य में बीजेपी का कोई खास प्रभाव नहीं है।