कार्यकर्ताओं का हंगामा: मणिपुर में पुलिस ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का रोका रास्ता, भड़की कांग्रेस, भाजपा नेताओं ने भी किया पलटवार
मुख्यधारा डेस्क
कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी आज राजधानी दिल्ली से मणिपुर पहुंचे। राजधानी इंफाल से राहुल गांधी सड़क मार्ग से राहत शिविर का दौरा करने के लिए चुराचांदपुर जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उनके काफिले को आगे जाने की इजाजत नहीं दी। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौके पर जमकर हंगामा किया। जिसके बाद राहुल गांधी वापस राजधानी इंफाल लौट आए। यहां से राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर रवाना हुए हैं। राज्य सरकार को इस बात का डर है कि सड़क पर रास्ते में मणिपुर की महिलाएं विरोध प्रदर्शन में खड़ी हैं। ऐसे में कोई अनहोनी घट सकती है। इसी वजह से राज्य सरकार उन्हे हेलीकॉप्टर से जाने की सलाह दी। मणिपुर पुलिस के राहुल गांधी को रोके जाने के बाद कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर हमला बोला है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया और कहा, मणिपुर में राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है। वे राहत शिविरों में पीड़ितों से मिलने और संघर्षग्रस्त राज्य में भरोसा जगाने के लिए गए हैं। पीएम मोदी ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ने की जहमत नहीं उठाई है। उन्होंने राज्य को अपने हाल पर छोड़ दिया है। अब उनकी डबल इंजन वाली विनाशकारी सरकारें सहानुभूति की सोच रखने वाले राहुल गांधी को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों को तोड़ती हैं। मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, खुद प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जाएंगे और अगर राहुल गांधी हिंसा और नफरत के इस माहौल को शांत करने जाएंगे तो उनको रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आखिर डर किस बात का है? यही कि आपकी विफलता और असंवेदनशीलता का पर्दाफाश हो जाएगा या फिर मोहब्बत, शांति और अमन से बैर है? सच है इस देश का प्रधानमंत्री कायर है। कांग्रेस नेताओं के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, राहुल गांधी की यात्रा का मणिपुर में कई नागरिक समाज संगठनों और छात्र संघों ने कड़ा विरोध किया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने राहुल से सड़क मार्ग के बजाय चुराचांदपुर जाने के लिए हेलिकॉप्टर से जाने का अनुरोध किया है, क्योंकि विभिन्न ग्रुप उनकी यात्रा का विरोध कर रहे हैं। राहुल सड़क मार्ग से जाने की जिद पर अड़े हैं। राजनीतिक लाभ के लिए ‘जिद्दी’ बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है संवेदनशील स्थिति को ‘समझना’ देखना। हेलिकॉप्टर टिकट की कीमत सिर्फ 2500/- रुपये है।राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने निशाना साधा है। मालवीय ने ट्विट पर लिखा, जब कांग्रेस के शासन में हिंसा भड़की थी, तो राहुल गांधी एक बार भी पीड़ितों से मिलने चुराचांदपुर नहीं गए थे। तब नौ युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और प्रदर्शनकारी समुदायों ने दो वर्षों तक उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।
मालवीय ने आगे लिखा, राहुल गांधी शांति के मसीहा नहीं हैं, वे सिर्फ एक राजनीतिक अवसरवादी हैं, जो बर्तन को गर्म रखना चाहते हैं। उनकी मणिपुर यात्रा लोगों की चिंता के कारण नहीं बल्कि उनके अपने स्वार्थी राजनीतिक एजेंडे के कारण है। यही कारण है कि किसी को उन पर या कांग्रेस पर भरोसा नहीं है। राहुल को मणिपुर के रिलीफ कैंपों का दौरा करना है और सिविल सोसाइटी के नेताओं से मुलाकात करनी है। वे 30 जून तक मणिपुर में रहेंगे। मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष ओकराम इबोबी सिंह ने बताया कि राहुल का सीनियर सिटीजन और कई नेताओं से भी मिलने का भी प्रोग्राम है। बता दें कि पूर्वोत्तर का राज्य मणिपुर 58 दिन दिन से हिंसा की आग में जल रहा है। यहां हिंसा में 120 लोग जान गंवा चुके हैं। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था और राहत कैंपों में जाकर पीड़ितों की बात सुनी थी। एक हफ्ते पहले गृह मंत्री ने दिल्ली में मणिपुर की स्थिति को लेकर 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की थी। इस बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी। साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की थी।