Winter Session : संसद का शीतकालीन सत्र आज से, 21 विधेयक पेश किए जाएंगे, कई मुद्दों पर विपक्ष केंद्र सरकार को घेरेगा
मुख्यधारा डेस्क
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह सत्र बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 17वीं लोकसभा का यह आखिरी शीतकालीन सत्र है। यह ऐसे समय शुरू हो रहा है जब एक दिन पहले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आए हैं।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने जीत हासिल की है। वहीं तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मीडिया को संबोधित करेंगे। इधर, विधानसभा चुनाव नतीजों से निराश कांग्रेस भी सत्र से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक करेगी और सदन में अपनी रणनीति को लेकर चर्चा करेगी। 19 दिन तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में 21 बिल होंगे पेश होंगे।
इस सत्र के दौरान लोकसभा में उस वक्त हंगामा हो सकता है, जब सदन की आचार समिति की रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के आरोप में निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होगी। इसके पहले विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक के सांसद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मीटिंग करेंगे। जहां सदन की कार्यवाही को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में कुल 19 विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे। इसमें कुछ विधेयक लोकसभा तो कुछ राज्यसभा में पेश हो चुके हैं। इस सत्र में औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन विधेयक लाने सहित प्रमुख विधेयकों के मसौदे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक में सरकार ने आश्वासन दिया कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होगा और यह 22 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 15 बैठकें होंगी।
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लेकिन विपक्ष को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सदन में चर्चा के लिए पूरा माहौल बने और कहीं कोई व्यवधान न हो। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 19 विधेयक और दो वित्तीय विषय विचाराधीन हैं।
गौरतलब है कि सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के मामले में लोकसभा की एक समिति की रिपोर्ट भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है।
इस रिपोर्ट में तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। सत्र की शुरुआत से ठीक पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें 23 दलों के 30 नेता शामिल हुए। विपक्षी नेताओं ने क्रिमिनल लॉ के अंग्रेजी नामकरण की मांग, महंगाई, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और मणिपुर के मुद्दों को भी उठाया। मीटिंग के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। बशर्ते विपक्ष चर्चा के लिए माहौल बना रहने दे। इसलिए विपक्ष से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया गया है।