विवाद: दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन किया खत्म, जानिए क्या है मामला

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विवाद: दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन किया खत्म, जानिए क्या है मामला

देहरादून/मुख्यधारा

देश की राजधानी दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतीकात्मक को लेकर चला आ रहा तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत के बाद स्थगित कर दिया गया। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के आह्वान पर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित पिछले चार दिन से आंदोलित थे। इस दौरान केदारनाथ धाम के साथ ही उन्होंने केदारघाटी में भी कई जगह प्रदर्शन किया। बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में हजारों तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे।

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तीर्थपुरोहितों का कहना है कि यदि प्रदेश सरकार दिल्ली में बना रहे केदारनाथ धाम के निर्माण को बंद नहीं करती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा। कोर्ट की भी शरण ली जाएगी।

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इस मामले में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि केदारनाथ धाम हमारे बारह ज्योतिर्लिंग में एक हैं। उनका पता सिर्फ हिमालय में बताया गया है। उनके नाम पर कोई मंदिर का निर्माण किया जाना और हूबहू वैसा ही मंदिर बनाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हम भगवान शिव के मंदिर बनाने का विरोध नहीं करते। लेकिन केदारनाथ धाम की प्रति बनाकर यह कहना कि जो वहां नहीं जा सकते। यहां आकर पूजा कर ले,ये उचित नहीं है। वहीं संतों और तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद उत्तराखंड सरकार बैकफुट पर आ गई है। बैक फुट पर आई धामी सरकार अब अपने बयान से बदल गई है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कुछ लोग कभी धार्मिक, कभी क्षेत्रीय और जातीय भावनाएं भड़काने का प्रयास कर रह रहे हैं। उनके इरादे किसी सूरत में सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान एक ही है। दूसरे स्थान पर कोई धाम नहीं हो सकता। प्रतीकात्मक रूप से मंदिर अनेक स्थानों पर बने हैं। लेकिन ज्योतिर्लिंग का मूल स्थान हमारे उत्तराखंड में ही है।

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इसके अलावा कांग्रेसियों ने भी दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर बनाए जाने का कड़ा विरोध किया और इसमें प्रदेश सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाया। हालांकि, मंगलवार को देहरादून में मुख्यमंत्री धामी से हुई वार्ता के बाद तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन स्थगित कर दिया।

केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि सभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर उनसे वार्ता की।

बता दें कि बीते बुधवार को दिल्ली में भगवान केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किया गया है, जिसमें सीएम धामी ने जाकर शिलान्यास किया। इसके बाद केदारघाटी की जनता और केदारनाथ का पंडा समाज आहत और आक्रोशित है। उस दौरान कार्यक्रम में राज्यमंत्री अजय टम्टा, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज,अल्मोड़ा सल्ट से विधायक महेश जीना, रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल और केदारनाथ धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला भी मौजूद थे।

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