अल्मोड़ा के दामाद का जुनून - Mukhyadhara

अल्मोड़ा के दामाद का जुनून

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अल्मोड़ा के दामाद का जुनून

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डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

मुश्किल नहीं है कुछ भी, अगर ठान लीजिए” यह बात आईपीएस अफसर मनोज कुमार शर्मा​ पर पूरी तरह से सटीक बैठती है संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल कई छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं। लेकिन कुछ लोगों को ही सफलता मिल पाती है। हालांकि, बहुत से छात्र ऐसे भी होते हैं, जो इस परीक्षा में एक बार में सफल ना होने पर हार नहीं मानते और हर तरह की मुश्किलों को पार कर सफलता हासिल कर ही लेते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी आईपीएस अफसर मनोज कुमार शर्मा की है।मनोज आज भले ही एक अधिकारी हैं लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। शर्मा ने अपनी जिंदगी से कभी हार नहीं मानी।

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आईपीएस मनोज कुमार शर्मा मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले हैं। बचपन से ही वह पढ़ाई-लिखाई में होशियार नहीं थे, उनका पालन-पोषण भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार में हुआ है। 12वीं फेल फिल्म को लेकर अल्मोड़ा भी चर्चा में है। फिल्म आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की वास्तविक जीवन की कहानी से प्रेरित है। मनोज अल्मोड़ा के दामाद हैं। उनकी शादी नगर की बेटी श्रद्धा से हुई है। बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर निर्माता विधु विनोद चोपड़ा अपनी हालिया रिलीज फिल्म 12वीं फेल को लेकर सुर्खियों में हैं। ये फिल्म आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की वास्तविक जीवन की कहानी से प्रेरित है।

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रंगकर्मी ने बताया कि महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा का अल्मोड़ा से भी रिश्ता है। उनकी शादी नगर के सरकार की आली निवासी बॉटनी के प्रो. गणेश जोशी की पुत्री श्रद्धा जोशी से हुई है इंटर में फेल होने पर जहां विद्यार्थी गलत कदम उठा लेते हैं वहीं मनोज ने कठिन मेहनत से मुकाम हासिल किया। उनको इस मुकाम तक पहुंचाने में पत्नी श्रद्धा की भी अहम भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि मनोज महाराष्ट्र पुलिस में डीआईजी हैं जबकि श्रद्धा पर्यटन विभाग में एमडी हैं। धवन ने कहा कि फिल्म बताती है कि हमें अपने सपनों का पीछा कभी नहीं छोड़ना चाहिए। इससे हमें हार न मानने की प्रेरणा मिलती है, हालात चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों आईपीएस मनोज कुमार शर्मा एवरेज स्टूडेंट रहे हैं। वह 12वीं में हिंदी के अलावा अन्य सभी विषयों में फेल हो गए थे। 9वीं और 10वीं में भी उन्हें थर्ड डिवीजन हासिल हुई थी। बचपन से मिली इन असफलताओं के बावजूद मनोज ने कभी हार नहीं मानी।

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मनोज ने ‘ट्वेल्थ फेल’ नाम की किताब में इसकी कहानी लिखी है। इसमें वह कहते हैं कि पढ़ाई के दौरान ग्वालियर में रहने के लिए टेंपो भी चलाता था। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनके घर में छत तक नहीं थी। इस वजह से उन्हें भिखारियों के साथ भी सोना पड़ता था।  लेकिन उनके कठिन संघर्ष ने उन्हें सफल होने में मदद की। उन्होंने दिल्ली में एक लाइब्रेरी में चपरासी का काम किया, इस दौरान उन्होंने
गोर्की और अब्राहम लिंकन से लेकर मुक्तबोध तक कई बड़े लोगों के बारे में पढ़ा। इन किताबों को पढ़ने के बाद उन्हें जीवन के वास्तविक पहलुओं की समझ हुई।

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मनोज शर्मा की पूरी जर्नी पर एक फिल्म बन रही है। इस फिल्म को डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा बना रहे हैं। फिल्म का नाम 12फेल होगा। यह फिल्म कोई बायोग्राफी नहीं होगी पर इसमें एक युवा के अंदर कुछ कर गुजरने का जुनून दिखाया जाएगा। इसकी पूरी शूटिंग दिल्ली मुखर्जी नगर में ही हुई है। यहीं मनोज शर्मा ने अपनी तैयारी की थी।मनोज ने था कि दो बार मैं प्यार की वजह से ही फेल हुआ तो चौथी बार भी प्यार की वजह से ही पास हुआ। 12वीं क्लास में पढ़ते समय मनोज को एक लड़की से प्यार हो गया था लेकिन वह कभी अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए. वह एकतरफा प्यार से डर गए थे। “तुम हां कहो, और हम पूरी दुनिया पलट दूंगा.” फिर मनोज ने कड़ी मेहनत की और यूपीएससी की परीक्षा दी और सफलता हासिल की। वह 2005 में महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस बने।

( लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं )

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