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Amarnath yatra 2023: बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए शुरू हुई ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए किए खास इंतजाम

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Amarnath yatra 2023: बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए शुरू हुई ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए किए खास इंतजाम

मुख्यधारा डेस्क

हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थलों में से एक बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 1 जुलाई से होगी और लगभग 62 दिन बाद यानी 31 अगस्त को यात्रा संपन्न होगी।

अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर की 20 बैंक शाखाओं में ऑफलाइन अग्रिम यात्री पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गई है।

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इस साल पहली बार 62 दिन की अमरनाथ यात्रा के दौरान पवित्र गुफा में सुबह और शाम के समय होने वाली आरती का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रियों को पूरी सुविधाएं दी जाएंगी। आवास से लेकर, पीने का पानी, बिजली और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। यात्रियों को ऐप के जरिए मौसम की जानकारी भी दी जाएगी। श्री अमरनाथजी साइन बोर्ड के तहत सुबह शाम आरती का सीधा प्रसारण किया जाएगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको jksasb.nic.in पर जाना होगा। यहां सबसे पहले आवेदन पत्र भरें और फिर अपने ओटीपी को वेरीफाई करें. आवेदन को आगे बढ़ाए और आपको एसएमएस के तहत जानकारी भेजी जाएगी। वहीं अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो 100 से 220 रुपये तक खर्च करना होगा। हेलीकॉप्टर की बुकिंग के लिए आपको 13 हजार रुपये देना होगा।

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बता दें कि यात्रा दोनों मार्गों से एक साथ शुरू होगी, यानी अनंतनाग जिले के पहलगाम ट्रैक से और गांदरबल जिले के बालटाल से।

खास बात यह है कि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) दुनिया भर के भक्तों के लिए सुबह और शाम की आरती (प्रार्थना) का सीधा प्रसारण भी करेगा। यात्रा, मौसम और कई सेवाओं का ऑनलाइन लाभ उठाने के लिए श्री अमरनाथ जी यात्रा का ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध कराया गया है। बाबा अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। गुफा में मौजूद शिवलिंग की खासियत है कि ये खुद-ब-खुद बनता है।

ऐसा कहा जाता है कि कहा जाता है कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इसके शिवलिंग के आकार में बदलाव आता है अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से निर्मित होता है जबकि जिस गुफा में यह शिवलिंग मौजूद है, वहां बर्फ हिमकण के रूप में होती है । बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो प्रमुख रास्तों से की जाती है। इसका पहला रास्ता पहलगाम से बनता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से। श्रद्धालुओं को यह रास्ता पैदल ही पार करना पड़ता है। पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। ये रास्ता थोड़ा आसान और सुविधाजनक है। जबकि बालटाल से अमरनाथ की दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर है, लेकिन यह रास्ता पहले रूट की तुलना में कठिन है।

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